/newsnation/media/media_files/thumbnails/202508163482999-327414.jpg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि आज की तारीख में मताधिकार और संविधान खतरे में है। यह मताधिकार हमें संविधान से ही मिला था। लेकिन, अफसोस की बात है कि यह संविधान खतरे में है।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान बिहार चुनाव पर केंद्रित है। पिछले 20 सालों से यह सरकार सत्ता में है। बिहार में जनता का जीना मुहाल हो चुका है। दुर्भाग्य देखिए कि सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है। पिछले पांच सालों से यह सरकार जनता के ऊपर बोझ बनी हुई है। ऐसी स्थिति में जनता ने इस सरकार को सत्ता से बेदखल करने का पूरा मन बना लिया है। आने वाले दिनों में हमें बिहार में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि जब आजादी को इतने साल हो चुके हैं कि विभाजन पर किसी भी प्रकार की चर्चा न ही की जाए, तो बेहतर रहेगा। लेकिन, यह बात समझ से परे है कि आजादी के इतने साल के बाद अब मीडिया में यह चर्चा शुरू हो रही है कि विभाजन का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है। आखिर यह सब क्या हो रहा है। मेरा सीधा सा सवाल है कि आखिर अब विभाजन पर चर्चा करके क्या मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे अपने विभाजन के अधूरे मकसद पूरा करने के लिए सरकार पूरा प्लान कर रही है। शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र किया। अगर केंद्र सरकार विभाजन का जिक्र अब कर रही है, तो निश्चित तौर पर इसके पीछे कई दूसरे बड़े संकेत हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन, इस संगठन का विभाजन की त्रासदी पैदा करने में बड़ा रोल था।
--आईएएनएस
एसएचके/एबीएम
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.