पाकिस्तान से तनाव पर बोले फारुख अब्दुल्ला, हमारे सिर पर युद्ध मंडरा रहा है
दुर्भाग्य से इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी विभिन्न धर्मों में दरार पैदा कर रही है
नई दिल्ली:
पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर जम्मु और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा 'मुझे लगता है कि हम त्रासदियों का सामना कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास ऐसी स्थिति है जहां युद्ध हमारे सिर पर मंडरा रहा है. हम शांति और समझ चाहते हैं दुर्भाग्य से इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी विभिन्न धर्मों में दरार पैदा कर रही है और इस देश के लिए यह एक त्रासदी है.'
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Farooq Abdullah: I think we're facing tragedies. It's unfortunate that we've a situation where war is looming on our heads. We want peace&understanding b/w people. Unfortunately in this election ruling party is creating a rift b/w various religions&it's a tragedy for this country pic.twitter.com/xDo4cyVs16
— ANI (@ANI) March 8, 2019
उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को खतरा महसूस होता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मुझे लगता है कि पीएम को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह राष्ट्र किसी एक पार्टी या एक संप्रदाय के लोगों का नहीं है. उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह हम सभी का है और हम एक-दूसरे के साथ शांति और सद्भाव में रहना चाहते हैं.'
Farooq Abdullah: Muslims&minorities feel threatened. It's unfortunate&I think PM should make it very clear that this nation doesn't belong to one party or one sect of people. He should make it very clear that it belongs to all of us&we've to live in peace&harmony with each other. https://t.co/rb9GCa6eTd
— ANI (@ANI) March 8, 2019
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बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) संस्थापक और उनके पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का मानना था कि व्यापक भारत-पाक बातचीत से राज्य के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी अब भी मानती है कि भारत-पाक दोस्ती एक शांतिपूर्ण उप महाद्वीप के लिए अनिवार्य है. मैं दोनों देशों के विवेकी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे दोनों देशों की भलाई की खातिर अपनी-अपनी सरकारों पर पर नतीजे देने वाली वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के लिए दबाव डालें.'
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