रायपुर, 16 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जल जीवन मिशन को लेकर सदन में जोरदार बहस देखने को मिली। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम अरुण साव के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, हमारी कांग्रेस सरकार ने जल जीवन मिशन में 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। लेकिन, बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार सिर्फ 3 हजार करोड़ ही खर्च कर पाई है। 21 लाख कनेक्शन देने की बात कही गई, जबकि 20 महीने में सिर्फ 10 लाख कनेक्शन ही दिए गए। उन्होंने सदन में पूछा कि जिन जगहों पर कनेक्शन दिए गए, क्या वहां सच में पानी पहुंच रहा है।
राज्य के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भूपेश बघेल को जवाब देते हुए कहा, कांग्रेस सरकार की अव्यवस्थाओं के कारण जल जीवन मिशन दो साल विलंब से शुरू हुआ। कांग्रेस काल में 36 लाख नल कनेक्शन की बात कही गई, लेकिन जांच में सामने आया कि केवल 21 लाख कनेक्शनों में ही पानी आया। 15 लाख फॉल्स एंट्री के मामले में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर कार्रवाई की गई है और दो ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की गई है। राज्य सरकार तेज गति से काम कर रही है, लेकिन कांग्रेस सदन में अनावश्यक प्रश्न उठाकर जनता को गुमराह कर रही है।
जल जीवन मिशन में गड़बड़ी के मामले को भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने उठाया। उन्होंने विभागीय मंत्री से कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा।
कौशिक ने कहा कि फर्जी दस्तावेज के जरिए फर्म ने काम लिया, ऐसे आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
भाजपा विधायक ने कहा कि विभाग की ओर से जानकारी दी गई थी कि 70 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान नहीं होगा। लेकिन, 80 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान किया गया है। क्या भुगतान करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे।
इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर अभी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आएगी तो कार्रवाई होगी, किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अगर नियम के विपरीत भुगतान हुआ है तो जांच कर कार्रवाई करेंगे। एक फर्म पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई हुई, बाकी ज्वाइंट वेंचर में हैं, ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
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