जब तनाव बन जाए बीमारियों की वजह, आयुर्वेद में बताए गए हैं प्रभावी निदान

जब तनाव बन जाए बीमारियों की वजह, आयुर्वेद में बताए गए हैं प्रभावी निदान

जब तनाव बन जाए बीमारियों की वजह, आयुर्वेद में बताए गए हैं प्रभावी निदान

author-image
IANS
New Update
जब तनाव बन जाए बीमारियों की वजह, आयुर्वेद में बताए गए हैं प्रभावी निदान

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। किसी भी तरह की परेशानी मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर प्रभावित करती है। शारीरिक परेशानी का निदान स्थिति की जांच कर संभव है, लेकिन मानसिक समस्याओं को जांच पाना अक्सर मुश्किल होता है।

Advertisment

तनाव एक छोटा सा शब्द है, लेकिन ये मन और तन दोनों को प्रभावित करता है। आज की जीवनशैली में किसी न किसी चीज का तनाव बना रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये मस्तिष्क से लेकर पाचन शक्ति तक को प्रभावित करता है?

तनाव के ऑफर इफेक्ट्स खतरनाक होते हैं। तनाव लेने पर याददाश्त कमजोर होती है, आंखों का विजन कमजोर हो जाता है, पेट की पाचन शक्ति क्षीण होती है, मुंह का स्वाद चला जाता है, कमजोरी महसूस होती है, बुखार आ सकता है, बाल सफेद हो जाते हैं, मस्तिष्क शरीर को भेजने वाले जरूरी संकेत भेजना कम कर देता है, और बहुत कुछ दुष्प्रभाव होते हैं। कुल मिलाकर अगर लंबे समय तक तनाव लिया जाए तो शरीर बीमारियों का घर बन जाएगा।

आयुर्वेद में तनाव को मनरोग कहा गया है। मन का उपचार किसी दवा से नहीं किया जा सकता, बल्कि खुद को शांत करके ही किया जा सकता है। गीता में मन पर संयम पाने की बात कही गई है क्योंकि मन ही बंधन और मुक्ति का कारण होता है।

आयुर्वेद में प्राकृतिक रूप से तनाव कम करने के उपाय बताए गए हैं। तनाव होने पर सिर पर या पैरों के तलवों की मालिश की जा सकती है। इससे वात दोष कम होता है, जिसका संबंध मन के विकार से जुड़ा होता है। ऐसे में मन को भीतर से शांति मिलेगी। दूसरा उपाय है कुछ जड़ी-बूटियों का सेवन। ब्राह्मी, अश्वगंधा और शंखपुष्पी की सेवन। ब्राह्मी और शंखपुष्पी का सेवन मस्तिष्क को शांत करने में मदद करेगा। इससे याददाश्त भी मजबूत होगी, जबकि अश्वगंधा तनाव के लिए बनने वाले हार्मोन को कम करेगा।

तुलसी और गिलोय की चाय भी तनाव को कम करने में मदद करती है। तुलसी मन को शांत करती है और गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इन दोनों का सेवन मन और तन दोनों के लिए लाभकारी है। तनाव को कम करने में सात्विक आहार भी मदद करता है। ज्यादा तेल मसाले के भोजन से हटकर साधी खिचड़ी और उबली सब्जियों का सेवन मन और तन दोनों के लिए लाभकारी होता है। आहार में एक समय मौसमी फल भी शामिल करें और खूब सारा पानी पीएं।

इसके अलावा, अपनी पसंद की जगह पर घूमने जाएं। अपना पसंदीदा काम करें। इससे मन का तनाव कम होगा।

--आईएएनएस

पीएस/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment