मुंबई, 11 जून (आईएएनएस)। भारतीय सिनेमा का इतिहास सिर्फ अच्छी फिल्मों और कहानियों से नहीं बना, बल्कि उन खास कलाकारों से भी बना है जिन्होंने अपने छोटे से करियर में बड़ा असर डाला है। ऐसे ही एक कलाकार थीं पद्मिनी, वह न सिर्फ सुंदर अभिनेत्री थीं, बल्कि शास्त्रीय नृत्य कला में निपुण थीं। पद्मिनी भले ही ज्यादा समय तक फिल्मों में नहीं रहीं, लेकिन अपनी कला में इतनी माहिर थीं कि देखने वाले दाद दिए बिना नहीं रह पाते थे। उस दौर में दर्शक उनकी तुलना दिग्गज अभिनेत्री वैजयंती माला से करते थे।
दरअसल, पद्मिनी का अभिनय उम्दा और खूबसूरती गजब की थी। उस दौर में दर्शक उनकी तुलना मशहूर एक्ट्रेस वैजयंती माला से करते थे। उस जमाने में वैजयंती माला भी बेहतरीन एक्ट्रेस के साथ-साथ शानदार भरतनाट्यम डांसर के रूप में जानी जाती थीं। बताया जाता है कि इसी वजह से दोनों के बीच हमेशा प्रतिस्पर्धा रहती थी। साल 1958 में आई फिल्म राज तिलक में पद्मिनी और वैजयंती माला का फेस ऑफ सुर्खियों में था। दोनों ने आजा राजा बेकरार... गाने पर परफॉर्म किया था। इसके अलावा फिल्म वंजिकोट्टई वेलिबन में भी दोनों के बीच डांस की कड़ी टक्कर देखी गई।
पद्मिनी का जन्म 12 जून 1932 में तमिलनाडु के त्रिवेंद्रम में हुआ। पद्मिनी मलायली परिवार से ताल्लुक रखती थीं। 16 साल की उम्र में उन्होंने फिल्मी जगत में कदम रखा और हिंदी फिल्म कल्पना में नजर आईं। इस फिल्म में उन्हें बतौर डांसर के तौर पर कास्ट किया गया। फिल्म में उन्होंने शास्त्रीय नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया। इस फिल्म में उनकी बहन ललिता भी थीं।
पद्मिनी की दो और बहनें थीं, रागिनी और ललिता। तीनों को ट्रावनकोर सिस्टर्स कहा जाता था। उनकी काबिलियत को दुनिया ने सलाम किया।
पद्मिनी का फिल्मी करियर लगभग 30 साल रहा है। उन्होंने हिंदी से लेकर तमिल, कन्नड़ और तेलुगू भाषा समेत 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
वह जिस देश में गंगा बहती है, अफसाना, चंदा और बिजली, रागिनी, अमरदीप, राजतिलक, मेरा नाम जोकर, आशिक, भाई-बहन, दर्द का रिश्ता, मस्ताना, परदेसी जैसी कई फिल्में कीं। उन्होंने राज कपूर, एम. जी रामचंद्रन, शिवाजी गणेशन, राजकुमार, प्रेम नासिर, एनटी रामा राव, सत्यन, देवानंद और शम्मी कपूर जैसे मशहूर अभिनेताओं के साथ काम किया।
दर्शकों ने उनकी जोड़ी को शोमैन राज कपूर के साथ काफी पसंद किया।
साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म मोहब्बत का पैगाम के जरिए उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। अभिनय और निर्देशन के अलावा, पद्मिनी ने राजनीतिक क्षेत्र में भी अपनी किस्मत आजमाई। साल 1966 और 1971 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ा था।
चंद सालों में शोहरत हासिल करने के बाद 1961 में उन्होंने अमेरिका में रहने वाले फिजिशियन डॉ. के टी रामचंद्रन से शादी कर ली, और फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली। वह पति के साथ अमेरिका जाकर बसीं और गृहस्थी पर ध्यान देने लगीं। उन्होंने 1963 में बेटे को जन्म दिया। 1977 में न्यू जर्सी में एक क्लासिकल डांस स्कूल खोला, जिसका नाम था पद्मिनी स्कूल ऑफ आर्ट्स। आज इस स्कूल की गिनती अमेरिका के सबसे बड़े क्लासिकल डांस इंस्टिट्यूशन के तौर पर होती है।
पद्मिनी ने 24 सितंबर 2006 को चेन्नई में आखिरी सांस ली।
--आईएएनएस
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