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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
तेहरान, 17 सितंबर (आईएएनएस)। इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में ईरान ने बुधवार सुबह एक शख्स को फांसी दे दी। ईरानी न्यायपालिका की समाचार एजेंसी मिजान ने बताया कि ईरान ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की जासूसी के दोषी व्यक्ति को फांसी दे दी। वहीं, ईरान ह्यूमन राइट्स संगठन ने इसे लेकर कुछ सवाल उठाए, तो 16 साल की बेटी ने एक दिन पहले ही एक्स पोस्ट में कहा था कि उनके पिता निर्दोष हैं।
सिन्हुआ ने मिजान समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि उस व्यक्ति की पहचान रहमुल्लाह के पुत्र बाबाक शाहबाजी (44 साल) के रूप में हुई। दावा है कि न्यायिक कार्यवाही के बाद उसे फांसी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे पैसे और किसी तीसरे देश की नागरिकता के बदले में ईरानी डेटा केंद्रों की संवेदनशील जानकारी मोसाद को बेचकर इजरायल के साथ खुफिया और सुरक्षा सहयोग का दोषी पाया गया था।
मिजान के अनुसार, शाहबाजी ईरान के दूरसंचार, सैन्य और सुरक्षा संगठनों और केंद्र से संबद्ध कंपनियों के साथ इंडस्ट्रियल कूलिंग सिस्टम के डिजाइन और स्थापना के लिए एक ठेकेदार के रूप में काम कर रहा था।
2021 के अंत में, एक वर्चुअल ग्रुप में उनकी मुलाकात एस्माईल फेकरी से हुई (जिसे 15 जून, 2025 को यहूदी शासन की जासूसी और खुफिया मदद के आरोप में फांसी दे दी गई थी)। उसे मोहरेबेह (ईश्वर के विरुद्ध युद्ध छेड़ना) और धरती पर भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था। इंडस्ट्रियल कूलिंग सिस्टम्स के डिजाइन और स्थापना में शाहबाजी की विशेषज्ञता (विशेषकर संवेदनशील सर्वरों वाली सुविधाओं में) और कंप्यूटर नेटवर्क में फेकरी की विशेषज्ञता को देखते हुए, शाहबाजी ने उसे कई परियोजनाओं में सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया था।
अपने काम के कारण, शाहबाजी को दूरसंचार, सैन्य और सुरक्षा क्षेत्रों में प्रमुख राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्राप्त थी, जिसमें डेटा केंद्रों की विशिष्टताओं का ज्ञान भी शामिल था। उन्होंने पैसे और विदेशों में रहने की इच्छा के चलते गोपनीय सूचना मोसाद को बेची। हालांकि, पोल खुलने के डर से, उन्होंने एस्माईल फेकरी को अपनी बेहतर कंप्यूटर विशेषज्ञता और अंग्रेजी में प्रवीणता का हवाला देते हुए इसमें शामिल किया और उसे मदद के लिए पैसे दिए थे। शाहबाजी ने पूछताछ में खुद पर लगे सभी आरोपों को कबूल किया था।
दो बच्चों के पिता, बाबाक शाहबाजी की गिरफ्तारी 6 जनवरी 2024 को हुई थी।
मानवाधिकार संगठन ईरान ह्यूमन राइट्स ने एक दिन पहले ही बेटी के एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए पुरजोर विरोध किया था। बेटी ने फांसी दिए जाने का संदेह जताते हुए कहा था कि उसके पिता निर्दोष हैं।
मानवाधिकार संगठन का दावा है, शाहबाजी को सात महीने तक एकांत कारावास में रखा गया और उनकी 16 वर्षीय बेटी को गिरफ्तार करने की धमकी दी गई ताकि वे कैमरे के सामने अपने आरोपों को कबूल करने के लिए मजबूर हो सकें। उनकी गलती सिर्फ ये थी कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को रूस के खिलाफ युद्ध में मदद की पेशकश की थी, जिसे इजरायल के लिए जासूसी के उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया गया।
--आईएएनएस
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