इंदिरा ने सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लागू किया: त्रिवेंद्र सिंह रावत

इंदिरा ने सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लागू किया: त्रिवेंद्र सिंह रावत

इंदिरा ने सत्ता बचाने के लिए आपातकाल लागू किया: त्रिवेंद्र सिंह रावत

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IANS
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इंदिरा ने सत्‍ता को बचाने के लिए आपातकाल लागू किया : त्रिवेंद्र सिंह रावत

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

हल्द्वानी, 26 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को आपातकाल के 50 वर्ष पर आयोजित कार्यशाला में लोगों को संबोधित किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश में कई बार लोकतंत्र की हत्या करके जबरदस्ती आपातकाल थोपा था। तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता को बचाने के लिए आपातकाल लागू किया।

उन्होंने कहा कि आज सदन में और बाहर भी कांग्रेस भाजपा सरकार पर लोकतंत्र को लेकर आरोप लगाती है, लेकिन वह खुद लोकतंत्र की हत्यारी पार्टी है, जिसने चुनी हुई सरकारों को भी गिराया।

वहीं, पंचायती चुनावों को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सरकार चुनावों को लेकर पूर्ण रूप से तैयार है और कुछ लोग किन्हीं चीजों को लेकर कोर्ट गए, जिसमें कोर्ट से स्टे लगने पर न्यायिक क्रियाओं में सरकार दखलअंदाजी नहीं कर सकती है और कोर्ट के निर्णय के बाद ही चुनावी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।

मीडिया को संबोधित करते हुए उन्‍होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस वजह से इंदिरा गांधी ने रातोंरात इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी। इस दौरान जनता को सरकार से सवाल पूछने तक का अधिकार नहीं दिया गया, जिसने भी आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाई, उसको जेल में डाल दिया गया। इंदिरा गांधी ने जनता को प्रताड़ित करने का काम किया है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आगे कहा कि तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खुद और सरकार को बचाने के लिए आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों के हनन का काम किया है। आज वही कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने की बात करती है। कांग्रेस पार्टी में करनी और कथनी में बहुत बड़ा अंतर है। कांग्रेस ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराकर देश के संविधान को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। इस पार्टी ने लोकतंत्र को जितना नुकसान पहुंचाया है, कोई सोच भी नहीं सकता है।

--आईएएनएस

एएसएच/डीएससी

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