इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2025 से देश वैश्विक स्तर पर टेलीकॉम हब के रूप में होगा स्थापित: पी रामकृष्ण

इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2025 से देश वैश्विक स्तर पर टेलीकॉम हब के रूप में होगा स्थापित: पी रामकृष्ण

इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2025 से देश वैश्विक स्तर पर टेलीकॉम हब के रूप में होगा स्थापित: पी रामकृष्ण

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IANS
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इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2025 से देश वैश्विक स्तर पर टेलीकॉम हब के रूप में होगा स्थापित: पी रामकृष्ण

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। इंडियन मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के सीईओ पी रामकृष्ण ने सोमवार को कहा कि इंडियन मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 के जरिए टेक्नोलॉजी में देश की ताकत को दुनिया देखेगी। साथ ही, वैश्विक स्तर पर पता लगेगा कि कैसे भारतीय इकोसिस्टम दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित हो रहा है।

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उन्होंने आगे कहा कि निश्चित रूप से आत्मनिर्भरता के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म आवश्यक है, लेकिन यह वैश्विक टेलीकॉम हब के रूप में हमारी स्थिति को भी मजबूत करेंगे।

पी रामकृष्ण ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आईएमसी में एक एक्सपो भी होगा। जहां पर 5जी में एआई के काफी सारे यूस केस को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ आईएमसी में 6जी के यूजकेस को भी दिखाया जाएगा।

उन्होंने ने आईएमसी में आने की इच्छा रखने वाले आंगुतकों से कहा कि यहां आकर वे अनुभव करें कि टेक्नोलॉजी किस प्रकार आकार ले रही है, टेक्नोलॉजी किस प्रकार समाज की आवश्यकताओं को पूरा करेगी। जब हम इसके उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करेंगे तो इस देश के नागरिकों के लिए सेवाओं की बेहतरी के लिए इनका उपयोग कैसे किया जाएगा, इसका मूल्यांकन आसानी से किया जाएगा।

आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 8 अक्टूबर को आईएमसी का उद्घाटन किया जाएगा।

इंडियन मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) नई दिल्ली में यशोभूमि में 8-11 अक्टूबर के बीच आयोजित की जाएगी। आईएमसी को देश में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण इवेंट माना जाता है। इसमें देश और दुनिया की कई कंपनियां भाग लेती हैं।

पिछले साल इंडियन मोबाइल कांग्रेस का आयोजन 15-18 अक्टूबर के बीच किया गया था। इसमें 400 से ज्यादा प्रदर्शक, लगभग 900 स्टार्टअप और 120 से अधिक देशों ने भागीदारी की है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य 900 से ज्यादा टेक्नोलॉजी यूस-केस मामलों पर प्रकाश डालना था और इसमें 600 से अधिक वैश्विक और भारतीय वक्ताओं के साथ 100 से अधिक सत्र और चर्चाएं आयोजित की गई थीं।

--आईएएनएस

एबीएस/

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