क्या भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को जा रहा है सौंपने? विदेश मंत्री ने दिए संकेत

बंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में निर्वासन पर हैं और ढाका लगातार उन्हें वापस लाने की मांग कर रहा है. इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हसीना यहां विशेष परिस्थितियों में आई हैं और आगे का फैसला उन्हें करना है.

बंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में निर्वासन पर हैं और ढाका लगातार उन्हें वापस लाने की मांग कर रहा है. इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हसीना यहां विशेष परिस्थितियों में आई हैं और आगे का फैसला उन्हें करना है.

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Ravi Prashant
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पूर्व पीएम शेख हसीना और विदेश मंत्री एस. जयशकंर Photograph: (ANI)

बंग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में पिछले वर्ष से निर्वासन पर रह रही हैं. ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा सजा-ए-मौत और उम्रकैद जैसे कड़े फैसलों के बाद बंग्लादेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि भारत उन्हें उनके देश के हवाले कर दे. इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक टीवी कार्यक्रम में इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिससे भारत के रुख का संकेत मिलता है.

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परिस्थितियों ने तय किया उनका भारत आना

कार्यक्रम में जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि क्या भारत शेख हसीना को जितना चाहें उतना समय रहने देगा, तो उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय परिस्थिति आधारित स्थिति स्पष्ट की. जयशंकर ने कहा कि शेख हसीना यहां कुछ विशेष परिस्थितियों के चलते आईं थीं और आगे का रास्ता भी उन्हीं परिस्थितियों से प्रभावित होगा. उन्होंने संकेत दिया कि भारत उनकी मौजूदगी को लेकर कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करेगा और न ही किसी तरह का दबाव बनाएगा.

इसके साथ ही जयशंकर ने यह साफ कर दिया कि भारत की ओर से शेख हसीना पर लौटने या न लौटने का कोई निर्देश नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और भारत इस निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगा. विदेश मंत्री के इस बयान को कूटनीतिक रूप से संतुलित और संवेदनशील माना जा रहा है.

लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भारत का जोर

भारत ने एक बार फिर यह दोहराया कि वह लंबे समय से बंग्लादेश में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया का समर्थक रहा है. जयशंकर ने कहा कि वे समूह, जिन्होंने पहली बार बंग्लादेश में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे, अब स्वयं सत्ता में हैं, इसलिए उन पर निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है.

भारत का मानना है कि पड़ोसी देशों में स्थिर और विश्वसनीय लोकतंत्र ही क्षेत्रीय शांति और सहयोग का आधार है. इसलिए भारत का संपूर्ण ध्यान इस बात पर है कि बंग्लादेश में स्थिति स्थिर रहे और लोकतांत्रिक संस्थाएं मजबूत हों.

तख्तापलट के बाद भारत में आईं हसीना

5 अगस्त 2024 को बंग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने अचानक देश छोड़ दिया था. इसके बाद भारत ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी. तख्तापलट के बाद बनी सरकार और ट्रिब्यूनल के निर्णयों में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए और कई मामलों में सजा-ए-मौत तथा उम्रकैद भी सुनाई गई है.

भारत में रहने के दौरान हसीना की सुरक्षा और राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं. परंतु अब जयशंकर के ताजा बयान के बाद यह स्पष्ट है कि भारत इस मुद्दे पर किसी प्रकार की राजनीतिक स्थिति लेने से बच रहा है और अंतिम निर्णय शेख हसीना पर छोड़ रहा है.

क्या भारत सौंपेगा शेख हसीना को?

हालांकि बंग्लादेश लगातार भारत से आग्रह कर रहा है कि हसीना को उनके हवाले किया जाए, लेकिन भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि फिलहाल ऐसा कोई कदम उठाने की संभावना बहुत कम है. भारत इस मामले को संवेदनशील मानते हुए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और मानवीय मानदंडों के अनुरूप आगे बढ़ रहा है.

शेख हसीना के भविष्य को लेकर अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं, लेकिन इतना निश्चित है कि भारत फिलहाल उन्हें किसी प्रकार का दबाव नहीं देगा.

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