World Bank Report: भारत सरकार के दावों पर अब वर्ल्ड बैंक की मुहर भी लग गई है. केंद्र की भाजपा सरकार अपनी उपलब्धियों के रूप में बताती है कि उनकी सरकार ने करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है. विपक्ष इस दावे की आलोचना करता रहा है. लेकिन अब वर्ल्ड बैंक ने भी मान लिया है कि करोड़ों लोग भारत में गरीबी रेखा से बाहर आएं हैं. भाजपा सरकार के दावे पर अब वर्ल्ड बैंक की मुहर भी लग गई है.
भारत में तेजी से घट रही है गरीबी
हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने पावर्टी एंड शेयर्ड प्रॉस्पेरिटी नाम से एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार, 2011-12 में भारत की करीब 27.1% आबादी गरीबी में जीवन यापन करती थी. हालांकि, 2022-23 तक ये आंकड़ा घटकर महज 5.3% रह गया है. आसान भाषा में बताएं तो करीब नौ वर्षों में 26.9 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर हो गए हैं. ये आंकड़ा पाकिस्तान की कुल जनसंख्या से कहीं अधिक है.
पाकिस्तान में बिगड़ते जा रहे हैं हालात
ये तो हो गई भारत की बात. अब बात करते हैं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की. पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. 2017-18 में जहां 4.9 प्रतिशत लोग अत्यंत गरीबी में जीवन बिताते थे और 2020-2021 में ये आंकड़ा बढ़कर 16.5 प्रतिशत हो गया है.
वर्ल्ड बैंक ने बदली अत्यंत गरीबी की परिभाषा
बता दें, वर्ल्ड बैंक ने गरीबी की परिभाषा अब बदल दी है. वर्ल्ड बैंक पहले जहां 2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम कमाने वाले व्यक्ति को अत्यंत गरीब मानती थी लेकिन अब वर्ल्ड बैंक तीन डॉलर प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्ति को अत्यंत गरीब मानती है.
विकास के नाम पर भीख मांगता है पाकिस्तान
पाकिस्तान हर दिन वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ सहित अन्य देशों से विकास के नाम पर पैसा मांगता रहता है लेकिन पाकिस्तान में गरीबी घटने की बजाए बढ़ती जा रही है. दरअसल, पाकिस्तान खैरात में मिले पैसों को जनता पर इस्तेमाल करने की बजाए भारत विरोधी ताकतों और आतंकी नेटवर्क्स को मजबूत करने के लिए कर रही है.