भारत पर टैरिफ लगाने से पहले अमेरिका लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब तक कई देशों पर भारी भरकम टैरिफ लगा चुके हैं. अब वह भारत पर भी टैरिफ लगा सकते हैं. दरअसल नौ जुलाई को अमेरिका भारत पर ट्रैरिफ लगाने का ऐलान करने ही वाला था कि ऐन मौके पर इसे टाल दिया गया. अब टैरिफ का ऐलान एक अगस्त हो होगा. इससे पहले अमेरिका और भारत के बीच बातचीत का दौर जारी है. अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी के क्षेत्र में उसके लिए दरवाजे खोल दे, लेकिन भारत ऐसा नहीं चाहता है. उसका कहना है कि इससे किसानों की आय पर असर होगा. वहीं देश की आस्था का भी सवाल है.
ट्रंप भारत को मनाने में लगे
आपको बता दें कि अमेरिका भारत पर 26 फीसदी का टैरिफ लगाना चाहता है. इसका पता एक अगस्त को चलेगा. मगर इससे पहले अमेरिका और भारत के बीच बातचीत का दौर जारी है. भारत प्रयास में हैं कि अमेरिका उस पर ज्यादा टैरिफ न लगाए, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को मनाने में लगे हैं. इस दौरान भारत ने अमेरिका के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उसका कहना है कि अगर कृषि और डेयरी क्षेत्र में अमेरिका का दखल होता है तो इससे बिरोजगारी बढ़ेगी और किसानों पर भी असर होगा. वहीं अमेरिका के नॉन वेज मिल्क से भारत की आस्था को ठेस पहुंचेगी.
क्या है नॉन वेज मिल्क
नॉन वेज मिल्क वह गाय देती हैं जिसको चारे में मांस का सेवन कराया जाता है. अमेरिका के बूचड़खाने से निकलने वाले कचरे को अक्सर गाय के चारे के रूप में पेश किया जाता है. अमेरिका गाय को चारे में मावेशियों का मांस परोसा जाता है ताकि गाय ज्यादा वजनी हो जाएं और ज्यादा दूध दें. यहां पर गाय के चारे में मावेशियों का खून भी मिलाया जाता है. ऐसे में अगर अमेरिका का दूध भारत में बिकता है तो इससे देश की आस्था पर असर होगा, क्योंकि भारत में वेजेटेरिइन काफी अधिक हैं. ऐसे में नॉनवेज दूध को लेकर सरकार पसोपेश में है.