डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान क्यों भारत के लिए खतरे की घंटी? दुनिया में भी बढ़ा तनाव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान सामने आया है. उनके इस अप्रत्याशित बयान ने पूरी दुनिया में चिंता बढ़ा दी है. खास तौर पर भारत के लिए भी यह बयान खरते की घंटी साबित हो सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान सामने आया है. उनके इस अप्रत्याशित बयान ने पूरी दुनिया में चिंता बढ़ा दी है. खास तौर पर भारत के लिए भी यह बयान खरते की घंटी साबित हो सकता है.

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
Donald Trump Statement Why Worry for India

दुनिया में इस वक्त कई देशों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है. ताजा मामला इजराइल और ईरान के बीच हो रही जंग का है. लेकिन इस जंग के बीच जहां दोनों देश एक दूसरे के ठिकानों पर हमले बोल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ताजा बयान सामने आया है. उनके इस अप्रत्याशित बयान ने पूरी दुनिया में चिंता बढ़ा दी है. खास तौर पर भारत के लिए भी यह बयान खरते की घंटी साबित हो सकता है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ट्रंप का बयान और क्यों भारत पर भी पड़ सकता है इसका असर?

क्या है डोनाल्ड ट्रंप का बयान

Advertisment

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को "तेहरान खाली करने" की अपील करते हुए जो बयान दिया, उसने एशियाई और अमेरिकी बाज़ारों में अस्थिरता पैदा कर दी है. मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान तेल की कीमतों में करीब 2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. 

सबसे बड़ी बात यह है कि इस बयान के चलते ईरान-इजरायल तनाव के कम होने की उम्मीदों को भी झटका लगा है. इससे  निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल पैदा हो गया है. 

ट्रंप का बयान और बाजारों में हलचल

ट्रंप ने यह बयान कनाडा के अल्बर्टा में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दिया. हालांकि, उनके बयान का स्पष्ट संकेत किस ओर था यह कहना मुश्किल है. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि फिलहाल इजराइल और ईरान का युद्ध थमता नजर नहीं आ रहा है. 

कुछ समय पहले ट्रंप ने कहा था कि ईरान समझौते के लिए तैयार है, लेकिन ताजा बयान ने उस बयान को कमजोर कर दिया. इसके बाद अमेरिकी वायदा बाज़ार में भी गिरावट देखी गई.

तेल की कीमतों में उछाल और भारत की चिंता

भारत जैसे देश, जो अपनी तेल जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयात करते हैं, इस उछाल से सीधे प्रभावित हो सके हैं.  अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अगर लगातार वृद्धि होती रही, तो भारत में पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में इजाफा होना तय है. 

भारत पर क्या पड़ेगा असर

तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते भारत में सिर्फ परिवहन महंगा होगा, बल्कि इसके साथ ही रोजमर्रा की चीजों के दामों में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. 
इसका सीधा असर देश की महंगाई दर पर पड़ेगा. इसके साथ ही अन्य जरूरी सेवाएं महंगी होने की संभावना है. इन सबका बोझ आम नागरिक की जेब पर पड़ेगा.

एक्सपर्ट्स की मानें तो तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जाती हैं, तो भारतीय रुपये पर भी दबाव बढ़ेगा. इससे चालू खाता घाटा (CAD) बढ़ेगा और विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ेगा. इसके अलावा, रिजर्व बैंक को ब्याज दरों के मोर्चे पर सख्त रुख अपनाना पड़ सकता है, जिससे कर्ज महंगे हो सकते हैं.

क्या होगी भारत की रणनीति

ट्रंप के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम एशिया में किसी भी प्रकार का तनाव केवल क्षेत्रीय मामला नहीं रह गया है, इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था, खासकर आयात-निर्भर देशों जैसे भारत पर पड़ता है. ऐसे समय में भारत सरकार को ऊर्जा भंडारण, रणनीतिक तेल भंडार और दीर्घकालिक तेल आपूर्ति समझौतों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि कीमतों की अस्थिरता से देश की अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखा जा सके. 

यह भी पढ़ें - अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा में हो रहे G7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़ा, जानें क्या है इसकी वजह?

INDIA India News in Hindi Donald Trump Israel Iran War News israel iran war Indian economy
Advertisment