पांचवीं पीढ़ी का 'स्टील्थ' लड़ाकू विमान भारत के लिए क्यों हैं जरूरी? चीन को देगा टक्कर

रक्षा मंत्रालय ने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ लडाकू विमान के निर्माण पर जोर दिया है. इस समय तीन देशों अमेरिका, रूस और चीन के पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं. 

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Mohit Saxena
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fifth generation plane

fifth generation plane Photograph: (social media)

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ लडाकू विमान के निर्माण को मंजूरी दी है. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) इस काम को कर रहा है. इस समय तीन देशों अमेरिका, रूस और चीन के पास पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि पांचवी पीढ़ी के विमान क्या होते हैं. भारत के लिए स्वदेशी विमानों का होना किस लिए जरूरी है. यह एडवांस्ड मीडियम कांबैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) की श्रेणी में आता है. 

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क्या है एएमसीए

भारत के लिए यह पहला पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा. यह सिंगल सीटर और दो इंजन वाला होने वाला है. इस विमान की खासियत हैं कि इसमें हथियार बाहर से नहीं दिखते हैं. अमेरिका के  एफ- 22 और रूस के एसयू- 57 लड़ाकू विमान में इस तरह की खासियत है. एमसीए के दो वर्जन है. पहले वर्जन में अमेरिका में बना जीइ 414 इंजन है. वहीं दूसरे वर्जन में स्वदेशी जेट इंजन होगा. जीइ 414 से अधिक ताकतवर होगा. 

विमान में सुपरमैन्यूवरेबल

इसका अर्थ टैक्टिकल मूवमेंट करने की लड़ाकू विमान की क्षमता है. उड़ते समय यह विमान अचानक दिशा बदलने और अलग एंगल से दूसरे लड़ाकू विमान पर हमला कर सकता है. पारंपरिक एयरोडायनामिक्स तकनीक से ऐसा संभव नहीं है. 

सोनार की पकड़ से दूर

स्टील्थ क्षमता से लैस विमान की खासियत है कि पनडुब्बी या मिसाइल रडार या सोनार की पकड़ में यह नहीं आते हैं. 

टैक्टिकल मिशन को अंजाम दे सकता है

मल्टीरोल का अर्थ है कि लड़ाकू विमान कई तरह के टैक्टिकल मिशन को अंजाम दे सकता है. जैसे एयर सुपीरियारिटी और ग्राउंड अटैक व दुश्मन के इलाके में घुस कर उसके एयर डिफेंस को ध्वस्त करना. पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान सबसे विकसित लड़ाकू विमान हैं. ये स्टील्थ, सुपरक्रूज और डिजिटल तकनीकों से लैस होते हैं. 

पायलट को युद्धक्षेत्र की पूरी तस्वीर देता है

विमान में सेंसर फ्यूजन होगा. यह सभी सेंसर से डाटा को इंटीग्रेट करके पायलट को युद्धक्षेत्र की पूरी तस्वीर देता है. नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर में अन्य विमानों, ड्रोन और कमांड सेंटर के साथ रीयल-टाइम डाटा साझा कर सकते हैं. एआइ और आटोमेशन से एआइ-आधारित इलेक्ट्रानिक पायलट और स्वचालित टारगेट ट्रैकिंग सिस्टम है.

जे-35 जैसे विमान विकसित हो रहे हैं

चीन के पास करीब 250 से अधिक जे-20 स्टील्थ जेट्स विमान हैं. यहां पर जे-35 जैसे विमान विकसित हो रहे हैं. लद्दाख गतिरोध ने दिखा दिया कि ड्रैगन की एयरफोर्स की ताकत भारत के लिए खतरा है. अब पाकिस्तान चीन से जल्द ही जे- 35 लड़ाकू विमानों को हासिल करने की योजना बना रहा है. हाल में ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान पर हवाई हमले किए. आने वाले समय ऐसे हमले करना कठिन होगा. स्टील्थ लड़ाकू विमानों के बिना आगे की लड़ाई कठिन होगी. 

 

Stealth Fighter Jet stealth fighter
      
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