Why is Donald Trump angry with India
अमेरिका और भारत के रिश्तों को लेकर इन दिनों बड़ा बवाल मचा हुआ है. वजह है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिनके कुछ फैसलों को अमेरिका के ही सांसद और अधिकारी भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए खतरा मान रहे हैं. भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने साफ कहा है कि ट्रंप ने 30 सालों से बनाई जा रही साझेदारी को कमजोर कर दिया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीतियों ने भारत को अमेरिका से दूर और चीन-रूस के नजदीक कर दिया है जो अमेरिका के लिए रणनीतिक झटका है.
भारत पर दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ
दरअसल, ट्रंप ने भारत से आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगा दिए. ट्रंप द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ में रूस से तेल और हथियार खरीदने पर 25 प्रतिशत पेनल्टी को भी शामिल किया गया है. इस हिसाब से भारत को 50 प्रतिशत टैरिफ भुगतान करना पड़ रहा है. खन्ना का कहना है कि यह टैरिफ ब्राजील को छोड़कर किसी भी देश से ज्यादा है. यहां तक कि चीन पर भी इतना नहीं लगाया गया जितना भारत पर. इससे भारत का अमेरिका में चमड़ा और कपड़ा निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं, अमेरिका में भारतीय सामान के खरीदार और निर्माता दोनों ही नुकसान झेल रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन फैसलों की जड़ में एक छोटी सी बात है. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने से इंकार कर दिया था. जबकि पाकिस्तान ने उनका नाम आगे बढ़ा दिया. यही बात ट्रंप को नागवार गुजरी और फिर उन्होंने भारत के साथ रिश्तों में सख्ती दिखाई.
इस बात से नाराज हैं ट्रंप
इसके अलावा एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ट्रंप असल में भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी में मध्यस्था करना चाहते थे और उन्हें उम्मीद थी कि इतिहास में उनका नाम शांति दूत के तौर पर दर्ज होगा. लेकिन ऐसा मौका ना मिलने पर उनकी नाराजगी भारत पर निकल आई. कुल मिलाकर मामला यह है कि ट्रंप की निजी अहंकार और राजनीतिकत्वाकांक्षाओं ने भारत अमेरिका रिश्तों को खटाई में डाल दिया. रो खन्ना जैसे नेता और विशेषज्ञ इस बात से हैरान हैं कि सिर्फ निजी कारणों और नाराजगी की वजह से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका की साझेदारी को नुकसान पहुंच रहा है.