इजरायल के सामने क्यों झुकते हैं अमेरिका जैसे दुनिया के ताकतवर देश, हैरान कर देगा सच

ईरान और इजरायल के बीच हुए इस युद्ध में किसके हाथ क्या लगा, इसको लेकर तो दोनों के अपने-अपने गणित हो सकते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि ईरान के साथ खुलकर कोई देश कोई नहीं आया, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने इजरायल का खुलकर साथ दिया.

ईरान और इजरायल के बीच हुए इस युद्ध में किसके हाथ क्या लगा, इसको लेकर तो दोनों के अपने-अपने गणित हो सकते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि ईरान के साथ खुलकर कोई देश कोई नहीं आया, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने इजरायल का खुलकर साथ दिया.

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Mohit Sharma
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Why do America and Western countries support Israel only

Why do America and Western countries support Israel only Photograph: (AI)

ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चला युद्ध आखिरकार थम गया है. दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है. ईरान ने खुद अपने सरकारी टीवी पर बताया कि इजरायल के साथ लड़ाई में सीजफायर हो गया है. इसके साथ ही इजरायल ने भी ईरानी अटैक को लेकर जारी अलर्ट हटा लिया है. दोनों देशों के बीच हुई सीजफायर के बाद मध्य एशिया के देशों ने राहत की सांस ली है. भारत समेत कई देशों ने इस सीजफायर का स्वागत किया  है. 

अमेरिका ने की ईरान-इजरायल के युद्ध विराम की घोषणा

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इससे पहले मंगलवार सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर होने का दावा किया था. ईरान और इजरायल के बीच हुए इस युद्ध में किसके हाथ क्या लगा, इसको लेकर तो दोनों के अपने-अपने गणित हो सकते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि कई देशों से व्यापारिक और रणनीतिक संबंध होने के बाद भी ईरान के साथ कोई नहीं आया, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने इजरायल का खुलकर साथ दिया.  इसके अलावा जी-7 व दूसरे पश्चिम देशों का भी इजरायल को समर्थन रहा. 

इजरायल की कुल आबादी एक करोड़ से भी कम

क्योंकि दुनिया के नक्शे में इजरायल एक बहुत छोड़ा सा देश है, जिसके आबादी कुल 97 से 98 लाख के आसपास है और उसका 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा रेगिस्तान है. बावजूद इसके अमेरिका जैसे सुपर पॉवर के इजरायल के साथ झुकते ही नजर आते हैं. दरअसल, इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अमेरिका में यहूदियों की अच्छी खासी जनसंख्या है. इजरायल के बाद अमेरिका ही एक ऐसा देश है, जहां यहूदियों की संख्या (लगभग 40 से 50 लाख) है. ऐसे में अमेरिका में कारोबार कर रहे चोटी के कारोबारियों में अधिकांश यहूदी ही हैं. फिर चाहे फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्क हों या फिर व्हाट्सएप के सह- संस्थापक जान कौम. 

अमेरिकी अर्थ व्यवस्था में यहूदियों का बड़ा योगदान

एक स्टडी के अनुसार अमेरिका में यहूदियों की औसत कुल संपत्ति 150,890 अमेरिकी डॉलर आंकी गई है. इसका मतलब यह है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में यहूदियों का बड़ा योगदान है. ऐसे में यहूदियों के हितों का ध्यान रखना अमेरिका की नैतिक जिम्मेदारी बन जाता है. यही वजह है कि इजरायल के प्रति अमेरिका हमेशा सॉफ्ट कॉर्नर रखता है.

कुछ प्रमुख अमीर यहूदी:

  • लैरी एलिसन: ओरेकल कॉर्पोरेशन के सह-संस्थापक और अध्यक्ष.
  • लैरी पेज: गूगल के सह-संस्थापक.
  • सर्गेई ब्रिन: गूगल के सह-संस्थापक.
  • मार्क जुकरबर्ग: फेसबुक के सह-संस्थापक और सीईओ.
  • जान कौम: व्हाट्सएप के सह-संस्थापक.
  • स्टीव बाल्मर: माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ.
  • माइकल ब्लूमबर्ग: ब्लूमबर्ग एल.पी. के संस्थापक.
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