trump tariffs
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तीनों देश मिलकर रणनीति बनाते हैं तो एक नया भू राजनीतिक ध्रुव बन सकता है जो वैश्विक संतुलन को नया आकार देगा. खास बात यह है कि भारत और चीन के रिश्तों में भी धीरे-धीरे नरमी आ रही है.
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से नजदीकी रिश्तों के चलते 50% टैरिफ लगाने की बात कही गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई. अब ऐसा लग रहा है कि चीन, भारत और रूस मिलकर अमेरिका की एकतरफा नीतियों का सामना करने की तैयारी में है. इसी दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. जबकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी साल के आखिर तक भारत दौरे पर आएंगे. अमेरिका की लगातार व्यापारिक चेतावनी और आलोचनाओं के बीच भारत, चीन और रूस धीरे-धीरे एक ऐसे मोर्चे पर एकजुट होते दिख रहे हैं जो अमेरिका की हुकूमत को संतुलित करने की कोशिश कर सकता है.
कई अहम रणनीतिक मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह तीनों देश मिलकर रणनीति बनाते हैं तो एक नया भू राजनीतिक ध्रुव बन सकता है जो वैश्विक संतुलन को नया आकार देगा. खास बात यह है कि भारत और चीन के रिश्तों में भी धीरे-धीरे नरमी आ रही है. 2020 के गलवान विवाद के बाद यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मोदी चीन जा रहे हैं. वहीं 18 अगस्त को चीन के विदेश मंत्री वांग ही भारत आकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलेंगे. जहां सीमा विवाद, कैलाश मानसरोवर यात्रा और कई अहम रणनीतिक मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है.
भारत और रूस के रिश्ते पहले से ही काफी मजबूत हैं
दूसरी तरफ भारत और रूस के रिश्ते पहले से ही काफी मजबूत हैं. राष्ट्रपति पुतिन जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री मोदी से मिल चुके हैं और अब फिर से भारत दौरे पर आ रहे हैं. भारत ने अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा और इसे अपने राष्ट्रीय हितों के लिए जरूरी बताया. दोनों देशों के बीच व्यापार 2023-24 में 65.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है जो पिछले साल से 33% ज्यादा है. रक्षा के क्षेत्र में भी भारत और रूस की साझेदारी काफी मजबूत है. जैसे कि S400 डिफेंस सिस्टम T90 टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल, AK203 राइफल्स और भी बहुत कुछ का संयुक्त निर्माण शामिल है. इसके साथ ही रूस भारत चीन यानी आरआईसी समूह की वापसी की चर्चा भी जोर पकड़ रही है जो काफी समय से निष्क्रिय था.