अरुणाचल के CM ने क्यों ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध को बताया बड़ा खतरा? "पानी बम" की दी चेतावनी

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम यारलुंग त्सांगपो पर दुनिया की सबसे बड़ी बांध परियोजना गंभीर चिंता का विषय है.

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम यारलुंग त्सांगपो पर दुनिया की सबसे बड़ी बांध परियोजना गंभीर चिंता का विषय है.

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Mohit Saxena
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pema khandu

pema khandu (social media)

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मंगलवार को कहा कि राज्य की सीमा के करीब चीन एक विशाल बांध का निर्माण कर रहा है. यह विशाल बांध एक "पानी के  बम" की तरह है. इससे अस्तित्व को खतरा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक इंटरव्यू में पेमा खांडू ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम यारलुंग त्सांगपो नदी पर दुनिया की सबसे बड़े बांध की परियोजना गंभीर चिंता का विषय है. चीन ने अंतरराष्ट्रीय जल संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जो उसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करने के लिए मजबूर कर सकती थी. खांडू ने इंटरव्यू में कहा, "मुद्दा यह है कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. कोई नहीं जानता कि वे क्या कर सकते हैं."

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अस्तित्व का खतरा उत्पन्न कर सकता है

उन्होंने आगे कहा,"चीन से सैन्य खतरे को अलग रखते हुए, मुझे लगता है कि यह किसी भी अन्य समस्या से कहीं बड़ी है. यह हमारी जनजातियों और हमारी आजीविका के लिए अस्तित्व का खतरा उत्पन्न कर सकता है. यह काफी गंभीर है क्योंकि चीन इसका उपयोग एक तरह से 'वॉटर बम' के रूप में कर सकता है." सीएम ने कहा कि अगर चीन ने अंतर्राष्ट्रीय जल-बंटवारा समझौतों पर हस्ताक्षर किए होते तो यह परियोजना वरदान की तरह हो सकती थी. इससे अरुणाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश में गर्मियों में आने वाली बाढ़ को रोका जा सकता था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं ​किए हैं. सीएम ने कहा कि मान ली​जिए की बांध बन गया और चीन ने अचानक पानी छोड़ा तो हमारा पूरा सियांग क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा. इसके कई विनाशकारी प्रभाव देखने को मिलेंगे.

रक्षा तंत्र के रूप में काम करेगी

अरुणाचल के सीएम ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के साथ चर्चा के बाद, सियांग में एक परियोजना पर काम आरंभ कर दिया है. एक रक्षा तंत्र के रूप में काम करेगी और जन सुरक्षा को तय करेगी. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि चीन या तो अपनी तरफ काम आरंभ करने वाला है या शुरू कर चुका है. मगर वे कोई जानकारी साझा नहीं करते. लंबे समय में अगर बांध पूरा हो जाता है, तो हमारी सियांग और ब्रह्मपुत्र नदियां काफी सूख सकती हैं."

उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार अपनी परियोजना को योजना के तहत पूरा कर लेती है तो वह अपने बांध की पानी की जरूरतों को पूरा कर सकेगी. खांडू ने कहा कि अगर चीन भविष्य में पानी छोड़ता देता है तो बाढ़ के हालात होंगे, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है.

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