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Albinder Dhindsa
क्विक कॉमर्स सेक्टर का गुब्बारा जल्द फूटने वाला है. ये कहना है ब्लिंकिट के सीईओ अलबिंदर ढींढसा का. उन्होंने एक इंटरव्यू में में कहा कि कुछ प्लेयर्स लंबे वक्त से घाटे में हैं. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि उनकी कंपनी विस्तार करती रहेगी और आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जो कंपनियां लगातार फंडरेजिंग पर निर्भर हैं. उन्हें नए विकल्पों के बारे में अब सोचना होगा. कंपनियों को तय करना होगा कि कब तक वे नुकसान में अपना संचालन करती रहेंगी. इसकी एक सीमा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सॉफ्टबैंक ग्रुप, टीमसेक होल्डिंग्स पीटीई और मिडिल ईस्टर्न सॉवरेन फंड्स ने इस सेक्टर में खूब फंडिंग की है. ऐसे वेंचर्स अमेरिका, एशिया और यूरोप के अन्य देशों में फेल हो चुके हैं.
स्विगी की वित्तीय स्थिति कैसी है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्लिंकिट की प्रतिद्वंदी कंपनी स्विगी को सितंबर तिमाही में 1092 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. इसी तिमाही में एक साल पहले कंपनी को 626 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. स्विगी ने भले ही सितंबर में घाटा झेला लेकिन इसके बाद भी कंपनी के रेवेन्यू (ऑपरेशंस) में 54.42 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी सालाना आधार पर हुई है. जुलाई से सितंबर में कंपनी का रेवेन्यू 5561 करोड़ रुपये था. कंपनी के शेयर प्राइस अब भी आईपीओ की कीमत के करीब ही हैं, जिससे साफ होता है कि इन्वेस्टर्स अपनी इन्वेस्टमेंट को लेकर बहुत सोच रहे हैं.
क्विक कॉमर्स सेक्टर की एक और कंपनी जेप्टो ने 450 मिलियन डॉलर फंड अगले साल के आईपीओ से पहले जुटाया था.
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