केरल में कमल ने मारी जोरदार एंट्री, जानें कौन हैं वीवी राजेश जो बने बीजेपी के मेयर

Who is VV Rajesh: मेयर पद के लिए वी.वी. राजेश के नाम की घोषणा बीजेपी के राज्य महासचिव एस. सुरेश ने नव निर्वाचित पार्षदों और जिला नेताओं की बैठक में की. यह फैसला पार्टी के राज्य और जिला नेतृत्व के बीच लंबी विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया.

Who is VV Rajesh: मेयर पद के लिए वी.वी. राजेश के नाम की घोषणा बीजेपी के राज्य महासचिव एस. सुरेश ने नव निर्वाचित पार्षदों और जिला नेताओं की बैठक में की. यह फैसला पार्टी के राज्य और जिला नेतृत्व के बीच लंबी विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया.

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Dheeraj Sharma
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photo ANI

Who is VV Rajesh: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता वी.वी. राजेश नगर निगम के पहले बीजेपी मेयर बन गए हैं. इस जीत के साथ ही नगर निगम में पिछले 45 वर्षों से चले आ रहे वामपंथी शासन का अंत हो गया. यह उपलब्धि न केवल बीजेपी के लिए बल्कि केरल की शहरी राजनीति के लिए भी एक बड़े बदलाव का संकेत मानी जा रही है.

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पार्टी नेतृत्व का अहम फैसला

मेयर पद के लिए वी.वी. राजेश के नाम की घोषणा बीजेपी के राज्य महासचिव एस. सुरेश ने नव निर्वाचित पार्षदों और जिला नेताओं की बैठक में की. यह फैसला पार्टी के राज्य और जिला नेतृत्व के बीच लंबी विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद लिया गया. शुरुआत में रिटायर्ड डीजीपी आर. श्रीलेखा को मेयर पद का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी के भीतर उनके चयन को लेकर मतभेद सामने आए. अंततः राष्ट्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद वी.वी. राजेश के नाम पर सहमति बनी।

कौन हैं वी.वी. राजेश?

वी.वी. राजेश बीजेपी के एक अनुभवी और जमीनी नेता माने जाते हैं. वे दो बार पार्षद, पार्टी के राज्य सचिव, पूर्व युवा मोर्चा राज्य अध्यक्ष और तिरुवनंतपुरम जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. पिछली विधानसभा में उन्होंने विपक्ष के प्रभावशाली नेता की भूमिका निभाई थी. इसके अलावा, उन्होंने सीपीआई(एम) शासित नगर निगम में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व कर राजनीतिक पहचान को और मजबूत किया.

चुनावी नतीजे: आंकड़ों में बदलाव

तिरुवनंतपुरम नगर निगम के चुनाव परिणामों ने सभी को चौंका दिया. बीजेपी ने 100 में से 50 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया और नगर निगम पर नियंत्रण स्थापित किया. यह जीत वामपंथी गढ़ में सेंध लगाने के रूप में देखी जा रही है.
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) ने भी अपनी स्थिति में सुधार किया और सीटों की संख्या बढ़ाई. चुनाव में एलडीएफ को 29 सीटें, यूडीएफ को 19 सीटें मिलीं. दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे, जबकि एक वार्ड में उम्मीदवार की मृत्यु के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया.

केरल की राजनीति में क्या मायने?

वी.वी. राजेश का मेयर बनना बीजेपी के लिए प्रतीकात्मक और रणनीतिक दोनों तरह से महत्वपूर्ण है. यह जीत संकेत देती है कि केरल की शहरी राजनीति में मतदाताओं का रुझान बदल रहा है और भविष्य में राज्य की राजनीति में नए समीकरण उभर सकते हैं.

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