Jyoti Malhotra News: कौन है जट रंधावा, ज्योति मल्होत्रा के साथ क्या है कनेक्शन, हो गया बड़ा खुलासा

पाकिस्तान जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा लगातार पूछताछ में कई अहम खुलासे कर रही है. कैसे पाकिस्तान गई, किन लोगों के संपर्क में थी.

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Dheeraj Sharma
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Who is Jat Randhava Jyoti Malhotra Case

Jyoti Malhotra News:  यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो “ट्रैवल विद जो” नामक यूट्यूब चैनल चलाती थी, अब देशद्रोह के आरोपों में जेल की सलाखों के पीछे है। उस पर पाकिस्तानी जासूस होने का आरोप लगा है. हाल ही में हिसार पुलिस की ओर से गिरफ्तार की गई ज्योति पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रही थी और भारत विरोधी सूचनाएं साझा कर रही थी। जांच एजेंसियों को दिए गए कबूलनामे में उसने जो बातें स्वीकार की हैं, वो न केवल राष्ट्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि सोशल मीडिया और तकनीक के जरिए जासूसी कैसे की जा रही है, इसका एक खतरनाक उदाहरण भी हैं। पूछताछ में लगातार ज्योति कई अहम राज उगल रही है। इन्हीं में से एक है जाट रंधावा. आखिर कौन है जाट रंधावा और ज्योति मल्होत्रा का उससे क्या कनेक्शन है आइए जानते हैं। 

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पाकिस्तानी संपर्कों से शुरू हुआ साजिश का सिलसिला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूछताछ के दौरान ज्योति ने बताया कि उसका यूट्यूब चैनल “ट्रैवल विद जो” भारत के विभिन्न स्थानों की यात्रा से जुड़ा था। वर्ष 2023 में वह पाकिस्तान की यात्रा के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन पहुंची, जहां उसकी मुलाकात अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नामक अधिकारी से हुई। 

यहीं से इस खतरनाक सिलसिले की शुरुआत हुई। ज्योति ने दानिश से संपर्क बनाए रखा और आगे के निर्देश उसी के माध्यम से मिलने लगे।

पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियों से मुलाकात

ज्योति ने अपने बयान में यह भी स्वीकार किया कि दानिश के निर्देश पर उसने पाकिस्तान की दो यात्राएं कीं। वहां पर अली हसन नामक व्यक्ति ने न केवल उसके ठहरने और यात्रा की व्यवस्था की, बल्कि उसे पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से भी मिलवाया। 

ज्योति ने खुलासा किया कि वह शाकिर और राणा शहबाज जैसे खुफिया एजेंटों से व्यक्तिगत रूप से मिली और संवाद किया।

कोड नाम से सेव किए गए नंबर, सोशल मीडिया से जुड़ाव

अपने बयान में ज्योति ने यह भी बताया कि भारत लौटने के बाद उसने शाकिर का मोबाइल नंबर "जट रंधावा" के नाम से सेव किया। इसके पीछे बड़ी वजह थी कि  किसी को संदेह न हो। वह पाकिस्तान के संपर्कों से व्हाट्सऐप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे सुरक्षित प्लेटफॉर्मों के जरिए जुड़ी रही और संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान करती रही। 

ज्योति ने यह भी कबूला कि वह दिल्ली में कई बार पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से व्यक्तिगत रूप से मिलने भी जाती रही।

देशद्रोह और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप

ज्योति पर आरोप है कि वह भारतीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान को देती रही और भारत विरोधी नैरेटिव को सोशल मीडिया पर बढ़ावा देती थी। उसका मकसद देश के खिलाफ सूचना युद्ध का हिस्सा बनना था, जिसमें उसने सक्रिय रूप से भाग लिया।

 देश की सुरक्षा को डिजिटल माध्यम से खतरा

ज्योति मल्होत्रा का मामला इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल अब राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में हो रहा है। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि देश के भीतर ऐसे तत्व सक्रिय हैं, जो विदेशी एजेंसियों के इशारे पर काम कर रहे हैं। नागरिकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए, ताकि राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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