Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश नाम एक संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में मेड इन इंडिया हथियारों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, आज दुनिया देख रही है कि 21वीं सदी के वारफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स का वक्त आ चुका है. इस अभियान ने नया आयाम जोड़ा है. हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया.
इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स का वक्त आ चुका है
पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत करके लिया. इन हमले की खास बात यह थी कि इसमें टार्गेट को सीटकता से साथ हिट किया. इन हमलों ने पाकिस्तान को खौफ में डाल दिया. वहीं विश्व समुदाय भारत की ताकत का लोहा मान रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रामाणिकता में इजाफा हुआ है. आज विश्व ने देखा कि 21वीं सदी के वारफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स का वक्त आ चुका है.
100 से अधिक आतंकी मार गिराए
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से देश भर से यह आवाजें उठ रही थीं कि भारत इस करतूत का तगड़ा जवाब दे. भारत ये काम काफी शिद्दत के साथ किया. पाकिस्तान में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. करीब 100 से अधिक आतंकी मार गिराए. उसने अपनी सीमा में रहकर इन हमलों को अंजाम दिया. इसमें किसी सैन्य ठिकाने और रिहायशी इलाके को नुकसान नहीं पहुंचाया गया. इस बीच पाकिस्तान ने पलटवार भी किया. मगर भारत के स्वदेशी हथियारों ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया.
भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए मेड इन इंडिया हथियारों का सहारा लिया. उसने स्वदेशी निर्मित आधुनिक हथियारों का उपयोग किया. डीआरडीओ की ओर से विकसित सरफेस टू एयर आकाश मिसाइल सिस्टम की सटीकता 90 प्रतिशत रही है.
आकाश मिसाइल सिस्टम का कारनामा
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तानी विमान, मिसाइल, ड्रोन आदि को पूरी तरह से नाकाम किया. ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पीओके में जिन कुल नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, उसमें सबसे बड़ा उपयोग स्काई स्ट्राइकर सुसाइडल ड्रोन का किया गया था. इस आत्मघाती ड्रोन की खासियत है कि यह लंबे समय तक उड़ान भर सकता है. वहीं लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाता है. इसी तरह ब्रह्मोस मिसाइल का भी उपयोग किया गया. इसका निर्माण भारत में ही किया गया. यह ध्वनि से तेज क्रूज मिसाइल है. ऐसा दावा किया जाता है कि इन्हें रडार भी नहीं पकड़ सकते हैं.