Reciprocal Tarrif: दुनियाभर में इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चर्चाएं हो रही हैं. दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उनकी नीतियों ने दुनियाभर के देशों को हिलाकर रखा हुआ है. सबसे बड़ा स्टेप जो बताया जा रहा है वह है टैरिफ. इसको लेकर ट्रंप ने अपनी सोच साफ कर दी है. यही नहीं इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है. पहले ट्रंप ने अवैध रूप से आए नागरिकों को डिपोर्ट करना शुरू किया औऱ अब रेसिप्रोकल टैरिफ के जरिए वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर काम कर रहे हैं. लेकिन ये रेसिप्रोकल टैरिफ होता क्या है. आखिर इससे किसी देश को क्या फर्क पड़ता. भारत पर भी ये 2 अप्रैल से लागू होने वाला है. ऐसे में समझते हैं आखिर क्या है ये रेसिप्रोकल टैरिफ?
ट्रंप का भारत के लिए एक और बड़ा फैसला
5 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीकी संसद से एक और बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले का सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा. दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने जॉइंट सेशन के दौरान कहा कि भारत हमसे 100 फीसदी से ज्यादा टैरिफ वसूल रहा है. लिहाजा आने वाले महीने यानी अप्रैल से हम भी भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे. इसका मतलब है कि भारतीय उत्पादों पर अमेरिका की रेसिप्रोकल टैरिफ नीति लागू कर दी जाएगी.
क्या होता है रेसिप्रोकल टैरिफ
आपको बता दें कि रेसिप्रोकल का मतलब होता है प्रतिशोध. इसे आसान भाषा में समझें तो जैसे देश वैसा भेष या फिर जैसे को तैसा...कुछ इसी तरह से रेसिप्रोकल टैरिफ भी है. इस एक देश उस वक्त लगाता है जब पहले से कोई देश उससे टैक्स या फिर किसी तरह का प्रतिबंध लगाकर बैठा हो. मान लीजिए रूस ने अमेरिका से आयात पर 100 फीसदी टैक्स लगाया है तो ऐसी स्थिति में अमेरिका भी रूसी उत्पाद के आयात पर 100 फीसदी टैक्स लगा सकता है. इसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाएगा.
क्यों लगाया जाता है रेसिप्रोकल टैरिफ?
किसी भी देश की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ तब ही लगाया जाता है जब उसे लगता है कि कोई अन्य देश उस पर एक निश्चित नीति के तहत टैक्स या कोई प्रतिबंध लगा रहा है. ऐसे में किसी एक देश ने दूसरे देश पर उत्पाद आदि के आयात निर्यात से जुड़ा 100 फीसदी टैक्स लगाया है तो दूसरा देश भी पहले देश पर रेसिप्रोकल टैरिफ के जरिए 100 फीसदी टैक्स लगा सकता है. इसे लगाने के पीछे मकसद व्यापार में बैलेंस बनाना होता है.
क्या होता है रेसिप्रोकल टैरिफ का फायदा
रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के पीछे देश को सबसे बड़ा फायदा मिलता है वो होता है ट्रेड में बैलेंस बनाए रखना. क्योंकि दोनों देशों के टैरिफ में बदलाव होगा तो आगे चलकर संतुलन बिगड़ने के चांस होते हैं. इसी तरह जब रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाता है तो इससे विदेशी सामानों पर टैक्स बढ़ जाता है लिराजा स्थानीय विक्रेताओं को इससे फायदा मिलता है. आसान भाषा में समझें तो रेसिप्रोकल लगाकर कोई भी देश अपने स्थानीय उत्पादों के बाजार को ज्यादा तवज्जो देता है. स्थानीय उद्योगों को इसका लाभ मिलता है.