Shimla Agreement : क्या है शिमला समझौता? पाकिस्तान इसे रद्द करने की दे रहा धमकी, यह है वजह

Shimla Agreement: पहलगाम पर भारत की प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक गुरुवार को शुरु हुई. इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने की. 

Shimla Agreement: पहलगाम पर भारत की प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक गुरुवार को शुरु हुई. इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने की. 

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Mohit Saxena
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shimla agreement (social media)

Shimla Agreement: पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी है. इसके अलावा भारत ने कई कदम उठाए हैं. इसमें पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी न करने और दूतावाास में कर्मचारियों की संख्या कम करना शामिल है. पाकिस्तान इन कड़े निर्णयों से बौखला गया है. पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक बैठक गुरुवार को पीएम शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई. इसमें पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने धमकी दी. आइए जानने की कोशिश करते हैं क्या है शिमला समझौता.

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कब हुआ था शिमला समझौता

भारत ने सैन्य हस्तक्षेप करके मार्च 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से अलग करके विश्व के नक्शे में बांग्लादेश नाम का एक नया देश बना दिया था. पाकिस्तान की सेना ने बांग्लादेश में अपनी हार के बाद भारत की सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. भारत ने करीब 90 हजार लोगों लोगों को युद्ध में बंदी बनाया. इसमें सैनिक या अर्धसैनिक बल के जवान थे. भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान के नजदीक पांच हजार वर्ग मील इलाके पर अपना नियंत्रण पाया था.  

मतभेदों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो मिले. दोनों नेताओं ने दो जुलाई 1972 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते को हम 'शिमला समझौता' के नाम से जानते हैं. इस समझौते में दोनों देशों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपने मतभेदों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई थी. इसका लक्ष्य  शांति बनाए रखना और रिश्ते सुधारना था. 

शिमला समझौता 

समझौते के जरिए भारत-पाकिस्तान ने तय किया कि दोनों देश कोई भी विवाद आपसी बातचीत से सुलझाने की कोशिश करेंगे. इसमें तीसरा देश या संगठन दखल नहीं देगा. कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा को कोई भी देश एकतरफा नहीं बदलेगा. दोनों देश इसका सम्मान करेंगे. दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा, युद्ध या गलत प्रचार नहीं करेंगे. दोनों शांति से रहेंगे और अपने रिश्तों को बेहतर बनाएंगे. समझौते के तहत भारत ने युद्धबंदी बनाए गए पाकिस्तान के 90 हजार लोगों को रिहा कर दिया. इस दौरान कब्जा की गई जमीन को मुक्त किया. पाकिस्तान ने भी कुछ भारतीय सैनिकों को रिहाई दी थी. इस समझौते ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय पटल पर जाने से रोका. भारत की दलील है कि कश्मीर का मामला दोनों देशों के बीच का मामला है. 

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