क्या है FATF ग्रे लिस्ट? पाकिस्तान को क्यों फिर से इस सूची में मिलना चाहिए अव्वल स्थान?

FATF List: भारत ने पाकिस्तान को दोबारा से FATF की ग्रे लिस्ट में डलवाने की तैयारी आरंभ कर दी है. इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम वर्ष 2022 से हटाया गया था. 

FATF List: भारत ने पाकिस्तान को दोबारा से FATF की ग्रे लिस्ट में डलवाने की तैयारी आरंभ कर दी है. इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम वर्ष 2022 से हटाया गया था. 

author-image
Mohit Saxena
New Update
pm modi and shrif attack

FATF List (social media)

FATF List: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है. पड़ोसी देश पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी हो रही है. उसे दोबारा से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने की तैयारी है. अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया गया था. अगर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में वापस लाने में भारत ​कामयाब होता है तो उस पर आर्थिक निगरानी और प्रतिबंध बढ़ जाएंगे. इससे विदेशी निवेश और पूंजी प्रवाह पर असर पड़ने  वाला है.  

Advertisment

FATF क्या है

FATF की सूचि यह तय करती है कि मनी लॉन्ड्रिंग,आतंकवाद वित्तपोषण और अन्य वित्तीय अपराधों से निपटने को लेकर देशों के हालात क्या हैं. FATF एक अंतर-सरकारी निकाय की तरह है जो 1989 में स्थापित हुई. यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा के लिए नीतियां और मानक तय करता है. एफटीएफ की सूचियां दो वर्गों में हैं ब्लैक और ग्रे लिस्ट. ब्लैक लिस्ट में ऐसे देशों को रखा जाता है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वि​त्तपोषण को रोकने को लेकर FATF के मानकों का पालन बिल्कुल नहीं करते हैं. इस सूची में शामिल देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इन्हें कड़ी निगरानी में रखा जाता है. वहीं ग्रे लिस्ट में ऐसे देश शामिल किए जाते हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने में थोड़ी कमियां रखते हैं. मगर वे सुधार के लिए FATF के साथ सहयोग करते हैं. इन देशों को सुधार के लिए मौका दिया जाता है. 

पाकिस्‍तान को बड़ा नुकसान संभव   

भारत पाकिस्‍तान को FATF की ग्रे सूची में डलवाने के लिए सदस्य देशों से बातचीत करके समर्थन जुटाने में लगा है. अगर पाकिस्तान एक बार फिर से ग्रे सूची में शामिल होता है तो उसे बड़ा नुकसान होगा. इससे पाकिस्तान पर आर्थिक संकट गहरा जाएगा. अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर भी प्रतिष्ठा में गिरावट आएगी. इसके साथ वित्तीय लेनदेन में कठिनाई आएगी. उसे अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष, विश्‍व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ जैसे बड़े संस्थानों से उधार लेने में मुश्किलों का सामना करना होगा. ग्रे सूची वाले देशों के संग लेनदेन में अंतरराष्‍ट्रीय वित्‍तीय संस्‍थाएं अतिरिक्त सतर्कता बरतती हैं. इससे आयात-निर्यात पर असर होता है. 

इसके साथ विदेशी निवेश में कमी आएगी. ये आर्थिक संकट से जूझ रहे देशों के लिए काफी बड़े झटके की तरह होगा. मूडीज और फिच जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां ग्रे सूची में नाम आने से रेटिंग को गिराती हैं. ऐसा करने से पाक के लिए वैश्विक बाजारों से उधार और महंगा होगा. निवेश और व्‍यापार में कमी  से पाकिस्‍तान के आर्थिक विकास कम होगा. 

pakistan fatf FATF Grey List FATF Black List FATF Blacklist FATF report
      
Advertisment