जानें क्या है सिन गुड्स? जिसके लागू होते ही महंगा हो जाएगा गुटखा-सिगरेट और पान-मसाला

तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जेब पर भारी बोझ पड़ने वाला है. क्योंकि मोदी सरकार तंबाकू उत्पादों को महंगा करने लिए जीएसटी की नई दर लागू करने वाली है. ये नई दर 40 प्रतिशत की होगी. जो सिन गुड्स पर लगाई जाएगी.

तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जेब पर भारी बोझ पड़ने वाला है. क्योंकि मोदी सरकार तंबाकू उत्पादों को महंगा करने लिए जीएसटी की नई दर लागू करने वाली है. ये नई दर 40 प्रतिशत की होगी. जो सिन गुड्स पर लगाई जाएगी.

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Suhel Khan
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Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Photograph: (Social Media)

केंद्र की मोदी सरकार ने जीएसटी में छूट के बाद सोमवार को तंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार समान बनाए रखने के लिए लोकसभा में दो विधेयक पेश किए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच ये विधेयक पेश किए. ये सेस अगले साल मार्च से तंबाकू उत्पादों पर लागू होगा. जिससे अधिकांश तंबाकू उत्पाद महंगे हो जाएंगे. बता दें कि सरकार ने सिन गुड्स यानी अहितकर वस्तुओं और कुछ विलासिता की वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का नया वस्तु एवं सेवा कर स्लैब बनाया है. जिसमें तंबाकू उत्पादों को भी रखा गया है. इन तंबाकू उत्पादों को ही सिन गुड्स कहा जाता है.

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जानें क्या है सिन गुड्स का अर्थ?

बता दें कि सिन गुड्स उन उत्पादों को कहा जाता है जो समाज या स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह माने जाते हैं. इनमें मुख्य रूप से तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, शराब और अत्यधिक शर्करा वाली ड्रिंक शामिल हैं. बता दें कि दुनिया भर की सरकारें इन उत्पादों की बिक्री और सेवन को कम करने के लिए इन पर भारी भरकम टैक्स लगाती हैं. जिसे ‘सिन टैक्स’ (Sin Tax) कहा जाता है. भारत सरकार भी अब ऐसे उत्पादों पर सिन टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. जो मार्च 2026 से अमल में आ जाएगा.

देश में इन उत्पादों पर सबसे अधिक GST

बता दें कि हमारे देश में हमेशा इन उत्पादों पर सबसे ऊंचे जीएसटी दरों में रखा गया है. पहले इन वस्तुओं पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था. यही नहीं सरकार इन पर कंपनशेसन सेस यानी अतिरिक्त कर भी लगाती थी. लेकिन अब सरकार ने कंपनशेसन सेस को खत्म कर नया 40 फीसदी वाला जीएसटी स्लैब बनाया है. जो लग्जरी और तंबाकू उत्पादों पर लगाया जाएगा.

क्योंकि सरकार सिन गुड्स पर लगा ही स्पेशल टैक्स

सिन गुड्स के तहत आने वाले उत्पादों पर केंद्र सरकार 40 फीसदी टैक्स लगाने जा रही है. जो तंबाकू उत्पादों के साथ कुछ लक्जरी उत्पादों पर भी लागू होगा. इसके पीछे सरकार का मकसद ये है कि इन चीजों के सेवन से कम किया जा सके. जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और घातक होता है. ऐसे में सरकार इन उत्पादों पर भारी टैक्स लगाकर इनकी बिक्री को कम करना चाहती है.

सिन गुड्स के दायरे में आते हैं ये उत्पाद

सिन गुड्स में जो उत्पाद आते हैं उनमें पान मसाला, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, चबाने वाला बिना प्रोसेस्ड तंबाकू और बचे हुए तंबाकू, सिगार, सिगारिलो (छोटी सिगार), तम्बाकू के विकल्प, एरेटेड व कार्बोनेटेड ड्रिंक (कोल्ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक), कैफिन युक्त पेय, बड़ी कार (पेट्रोल-1200 सीसी, डीजल-1500 सीसी से ऊपर), बड़ी मोटरसाइकिलें (350 सीसी से ऊपर), यॉट (निजी नौकाएं), निजी उपयोग के लिए विमान, रेसिंग कार, ऑनलाइन जुआ और ऑनलाइन गेमिंग शामिल है.

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