भारत के इतिहास में पहली बार देश के राष्ट्रपति भवन में किसी की शादी होने वाली है. ये शादी ऐतिहासिक है और पूरी दुनिया इसे याद रखेगी. भविष्य में इस बारे में यूपीएससी जैसे कंप्टीशन एग्जाम में सवाल भी पूछे जा सकते हैं. अब सवाल आता है कि आखिर वो व्यक्ति कौन हैं, जिसकी शादी राष्ट्रपति भवन में होगी. तो बता दें, ये कोई और नहीं बल्कि सीआरपीएफ की अधिकारी हैं. इन्हें पीएम मोदी की कमांडो भी कहा जाता है.
अधिकारी का नाम- पूनम गुप्ता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, गुप्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल सिक्योरिटी टीम का हिस्सा रह चुकी हैं. भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में गुप्ता विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रही हैं. राष्ट्रपति भवन में दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया जाता है लेकिन शादी तो पहली बार होने जा रहा है. खास बात है कि इस शादी में सिर्फ करीबी लोग ही शामिल होंगे.
पूनम गुप्ता की शादी का आयोजन राष्ट्रपति आवास के मदर टेरेसा कॉम्पेलक्स में होगा. अब सब के दिमाग में सवाल है कि उनकी शादी राष्ट्रपति भवन में क्यों हो रही है. पूनम को इसके लिए अनुमति कैसे मिली. तो आइये सिलसिलेवार से सबकुछ जानते हैं.
ऐसे मिली राष्ट्रपति भवन में शादी की मंजूरी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष पूनम गुप्ता ने राष्ट्रपति भवन में शादी की इच्छा जताई थी. राष्ट्रपति मुर्मू ने पूनम की देशसेवा की भावना, डेडिकेशन और जॉब के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए पूनम का अनुरोध स्वीकार कर लिया.
कौन हैं पूनम गुप्ता?
पूनम सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट के पद पर पदस्थ हैं. वर्तमान में वे राष्ट्रपति भवन में पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर हैं. 74वें गणतंत्र दिवस परेड में पूनम ने महिला दल का नेतृत्व किया था. पूनम अवनीश कुमार के साथ शादी करने वाली हैं. अवनीश भी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं. वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में अवनीश की पोस्टिंग है.
मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं पूनम
मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली पूनम पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही अच्छी रही हैं. पूनम मैथ्स में ग्रेजुएट और इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स हैं. ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएड भी किया है. 2018 में पूनम ने यूपीएससी सीएपीएफ में 81वीं रैंक हासिल की थी. वे इसके बाद से सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर पदस्थ हैं. पूनम राष्ट्रपति भवन से पहले बिहार के नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात थीं.