आधार से लिंक हो सकता है वोटर आई़डी कार्ड, चुनाव आयोग ने बुलाई अहम बैठक

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को यूआईडीएआई और केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में मतदाता सूची को आधार के साथ जोड़ने की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अहम निर्णय लिया जा सकता है.

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Mohit Sharma
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Voter ID Card and Aadhar Card Link

Voter ID Card and Aadhar Card Link Photograph: (News Nation)

आधार कार्ड को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां इससे अब वोटर कार्ड से जोड़ने की तैयारी शुरू हो चुकी है. बड़ी खबर है कि चुनाव आयोग आपके आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने की तैयारी कर रहा है और अगर ऐसा होता है तो यह भारत के इतिहास में पहला मौका होगा, जिसके बाद मुमकिन है कि आपके वोट देने का तरीका हमेशा के लिए बदल जाएगा. तो यह खबर ऐसे दौर में आई है जब विपक्ष लगातार सरकार पर यह आरोप लगाता रहा है कि कई राज्यों में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया, जिसका सीधा लाभ बीजेपी को मिला. लेकिन अब खबर है कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट से जोड़े जाने की तैयारी चुनाव आयोग ने शुरू कर दी है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने बुलाई अहम बैठक

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को यूआईडीएआई और केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में मतदाता सूची को आधार के साथ जोड़ने की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अहम निर्णय लिया जा सकता है. दूसरे शब्दों में कहें तो मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक करने की तैयारी है.
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार 18 मार्च को बैठक में सीईसी ज्ञानेश कुमार अन्य दोनों चुनाव आयुक्त, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, विधि सचिव राजीव मणि और यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार मौजूद रहेंगे. भुवनेश कुमार की उपस्थिति मतदाता सूची को आधार के डाटाबेस के साथ जोड़ने व राजीव मणि की उपस्थिति कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए कदम उठाने की ओर इशारा करती है. मुख चुनाव आयुक्त बनने के बाद ज्ञानेश कुमार ने तीन महीने में मतदाता सूची में गड़बड़ी को दूर करने का भरोसा दिया था.

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33 करोड़ मतदाताओं को जोड़ा जाना शेष

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव तक ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी को बड़ा मुद्दा बना लिया है. मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग को इसे आधार से जोड़ना ही सटीक उपाय नजर आ रहा है, लेकिन इसमें कानूनी अड़चन है.

2015 में आयोग ने मतदाता सूची के आधार से जोड़ने का काम शुरू किया था और तीन माह में ही 30 करोड़ मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ दिया गया था. लेकिन एक याचिका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. 2018 में कोर्ट ने आधार की वैधानिकता पर मोहर लगा दी, लेकिन इसके सुरक्षित इस्तेमाल की ही अनुमति दी. इसके बाद केंद्र सरकार ने 2022 में जनप्रतिनिधि कानून व चुनाव कानून में संशोधन कर इसका रास्ता साफ किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया.

 इसके बाद शैक्षिक रूप से वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़ने का काम चल रहा है और लगभग 60 करोड़ मतदाताओं का पहचान पत्र आधार से जोड़ा जा चुका है. लेकिन लगभग 33 करोड़ मतदाताओं का जोड़ा जाना अभी बाकी है.

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