पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हिंसा भड़क गई. दो गुटों के बीच हुई हिंसा के कारण शहर के कुछ इलाकों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया गया है. राज्य सरकार ने हिंसा को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी को भी तैनात किया है. पुलिस के अनुसार, बीरभूम के सैंथिया में होली के दिन दो गुटों के बीच कहासुनी हो गई थी, जिसने बाद में मारपीट की शक्ल ले ली और हालात बिगड़ गए. कहा जा रहा है कि दोनों गुटों के बीच पथराव भी हुआ है.
इन इलाकों में 17 मार्च तक इंटरनेट बंद
मामले में अधिकारियों का कहना है कि अफवाहों और गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए करीब पांच ग्राम पंचायतों में इटंरनेट बंद किया गया है. 14 मार्च से 17 मार्च तक यहां नेट बंद रहेगा. सरकारी आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए और किसी भी अपराध के उकसावे को रोकने के लिए अस्थाई रूप से इंंटरनेट को रोका गया है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सैंथिया, हटोरा ग्राम पंचायत (जीपी), मठपालसा जीपी, हरिसरा जीपी, दरियापुर जीपी और फुलुर जीपी में इंटरनेट को सस्पेंड किया गया है.
हिंसा छिपा रही ममता सरकार- बीजेपी
इंटरनेट बंद करने और हिंसा पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट को सस्पेंड करने की स्थिति आ गई है, इससे साफ होता है कि प्रशासन स्थिति से निपटने में नाकाम रहा. एक्स पर अधिकारी ने कहा कि अपनी साख बनाए रखने के लिए राज्य सरकार सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को छिपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने गृह मंत्रालय और बंगाल के राज्यपाल से अपील की है कि वे पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से घटना की डिटेल्ड रिपोर्ट मांगे.
बंगाली में कई जगहों पर हुई झड़प- BJP का दावा
सुवेंदु अधिकारी का दावा है कि झड़प की घटनाएं सिर्फ बीरभूम में ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य इलाकों में भी हुई है. अधिकारी के अलावा, बंगाल भाजपा के चीफ सुकांत मजूमदार ने भी हिंसा को लेकर ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की पुलिस पूर्ण रूप से निष्क्रिय हो गई है.