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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, भारत की सशक्त स्वतंत्र न्यायपालिका के साथ पेश आए दर्दनाक अपवाद को हमें नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने देश की स्वतंत्रता के बाद के सबसे काले दौर को याद करते हुए बोला कि, 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था.
उन्होंने कहा कि, उस समय नागरिक और न्यायपालिका तत्कालीन प्रधानमंत्री की बेशर्म तानाशाही के आगे झुक गई थी. अगर ऐसा नहीं होता, तो हमारा देश बहुत पहले ही तरक्की कर चुका होता.
धनखड़ ने कहा कि, न्यायपालिका के झुकने के कारण लाखों लोगों को जेल में डाल दिया.. नागरिक का अपमान हुआ, आज वही लोग देश के प्रधानमंत्री, मंत्री और राज्यपाल हैं. ये लोग देश को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं, मगर उस वक्त को भूल पाना मुमकिन नहीं है.
गौरतलब है कि, शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित अमेजिंग इंडिया में न्यायपालिका की भूमिका के विषय पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि, अपातकाल के वक्त देश के 9 हाईकोर्ट ने लोगों के अधिकारों पर संज्ञान लिया था. इसमें राजस्थान हाईकोर्ट भी था, लेकिन उच्च्तम न्यायालय ने उनके फैसलों को पलट दिया था.