Vice President Election: कौन डालेगा पहला वोट, जानें किन दलों ने किया मतदान से किनारा

आखिर उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पहला वोट कौन डाल सकता है यही नहीं इस चुनाव में किन राजनीतिक दलों ने मतदान से ही किनारा कर लिया है. लेकिन उससे पहले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी.

आखिर उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पहला वोट कौन डाल सकता है यही नहीं इस चुनाव में किन राजनीतिक दलों ने मतदान से ही किनारा कर लिया है. लेकिन उससे पहले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी.

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Dheeraj Sharma
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Vice President Election: भारत के लिए मंगलवार यानी 9 सितंबर का दिन काफी अहम है. दरअसल इसी दिन देश को अपना 15वां उपराष्ट्रपति मिलने जा रहा है.  इस पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीपी राधाकृष्णन को और विपक्षी गठबंधन INDIA ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. कुल 781 सांसद सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डालेंगे और शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी. लेकिन इससे पहले जानते हैं आखिर उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पहला वोट कौन डाल सकता है यही नहीं इस चुनाव में किन राजनीतिक दलों ने मतदान से ही किनारा कर लिया है. लेकिन उससे पहले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी. 

कौन हैं उम्मीदवार?

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68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन को NDA ने मैदान में उतारा है. वे एक अनुभवी राजनेता हैं और तमिलनाडु से आते हैं.  वहीं, विपक्ष की ओर से 79 वर्षीय बी सुदर्शन रेड्डी चुनावी मैदान में हैं, जो एक पूर्व न्यायाधीश और मानवाधिकारों के पैरोकार माने जाते हैं. 

कौन डालेंगे वोट और किसने किया किनारा?

वोटिंग में लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित सदस्य हिस्सा लेंगे. हालांकि, कुछ दलों ने चुनाव से दूरी बना ली है. केसीआर की पार्टी BRS और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी BJD ने किसी भी गठबंधन को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया है.  राज्यसभा में BRS के 4 और BJD के 7 सांसद हैं.

यही नहीं एक और राजनीतिक दल है जो इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं. ये दल है शिरोमणि अकाली दल. अकाली ने पंजाब में आई बाढ़ का हवाला देते हुए वोटिंग से इंकार कर दिया है.  वहीं AIMIM की बात करें तो इस दल के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने INDIA गठबंधन के प्रत्याशी को समर्थन देने की बात कही है.  YSRCP के 11 सांसद NDA के पक्ष में वोट डालेंगे. 

कौन डालेगा पहला वोट?

वैसे तो ये कोई नियम नहीं है कि पहला वोट डालने वाला तय हो. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस चुनाव का पहला मत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही डालेंगे. 

कैसे होगा मतदान और क्या हैं नियम?

दोनों गठबंधनों ने अपने सांसदों को वोट डालने की ट्रेनिंग दी है. NDA ने 7 और 8 सितंबर को जबकि INDIA ने 8 सितंबर को वर्कशॉप करवाई. सांसदों को बैलेट पेपर पर विशेष पेन से पहली वरीयता अंकित करनी होगी. यदि ऐसा नहीं किया गया तो वोट अमान्य माना जाएगा। हर सांसद का वोट समान मूल्य का होगा. 

बता दें कि पिछले चुनावों में अमान्य वोटों की संख्या भी कम नहीं रही है- 2017 में 11 और 2022 में 15 वोट अमान्य हुए थे. यानी इन लोगों ने गलत तरीके से वोटिंग की थी. जिसकी वजह से इन वोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया था. 

इतिहास की झलक: उपराष्ट्रपति चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहा?

- अब तक भारत में 16 बार उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो चुके हैं. 
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और हामिद अंसारी दो बार इस पद पर चुने गए. 
-  4 बार यह चुनाव निर्विरोध हुआ है. 
- डॉ. केआर नारायणन को 1992 में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी
- उन्हें 700 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को सिर्फ एक. 
- महिलाओं के लिए यह पद अब तक चुनौतीपूर्ण रहा है. 
- नजमा हेपतुल्ला और मार्गेट अल्वा जैसी दिग्गज महिला उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा. 

अब आगे क्या?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह चुनाव हो रहा है. अब देखना यह है कि नया उपराष्ट्रपति कौन बनता है सीपी राधाकृष्णन या बी सुदर्शन रेड्डी. नतीजे शाम को घोषित होंगे और इसी के साथ देश को नया संवैधानिक चेहरा मिलेगा.

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