बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले BJP और TMC के बीच भिड़ंत, वंदे मातरम-जन गण मन को लेकर गरमाई सियासत

West Bengal: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्य में राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी और टीएमसी ने एक दूसरे को घेरना शुरू कर दिया है. जिसके लिए अब दोनों दल बंगाल की संस्कृति और अस्मिता को हथियार बना रहे हैं.

West Bengal: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्य में राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी और टीएमसी ने एक दूसरे को घेरना शुरू कर दिया है. जिसके लिए अब दोनों दल बंगाल की संस्कृति और अस्मिता को हथियार बना रहे हैं.

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Suhel Khan
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Mamata Benarjee and Suvendu adhikari

बंगाल चुनाव से पहले टीएमसी और बीजेपी में भिड़ंत Photograph: (Social Media)

West Bengal: पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले ही राज्य में राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल, बंगाल की सत्ताधारी टीएमसी और बीजेपी राष्ट्रगीत वंदे मातरम् और राज्यगान "बांग्लार माटी बांग्लार जोल" को लेकर भिड़ गए हैं. बता दें कि बीजेपी और केंद्र सरकार वंदे मातरम के 150वीं वर्षगांठ के साथ बंगाली अस्मिता को अपने पक्ष में लाने की कोशिश में है तो वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) रविन्द्र नाथ टैगोर की रचना 'बांग्लार माटी बांग्लार जोल' को राज्य के स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के रूप में पढ़ाने का फैसला लिया है. इसी को लेकर दोनों दलों के बीच भिड़ंत शुरू हो गई है. बंगाल चुनाव से पहले दोनों दल बंगाली अस्मिता और संस्कृति के मुद्दे पर खुद को दूसरे से बड़ा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

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बंगाल में चुनावी बिसात बिछाने लगी बीजेपी

बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भले ही अभी करीब एक साल समय हो लेकिन बीजेपी ने अभी से राज्य में चुनावी बिसात बिछाना शुरू कर दी है. बीजेपी ने तय किया है कि एक बार फिर राष्ट्रवादी विचारधारा के जरिए राज्य में राजनीति को तेज किया जाए. जिसके लिए बीजेपी ने वंदे मातरम को एक प्रमुख चुनावी हथियार बनाकर अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. इसीलिए बीजेपी राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के जरिये विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व, बंगाली संस्कृति और अस्मिता के मुद्दे को उठाकर सत्ताधारी टीएमसी के खिलाफ ध्रुवीकरण का प्रतीक बनाकर वोटरों को लामबंद करने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी ने बनाई टीएमसी को घेरने की योजना

दरअसल, बीजेपी वंदे मातरम के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की विरासत से जोड़कर टीएमसी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. इसके लिए बीजेपी TMC को 'बंगला-विरोधी' साबित करने के लिए वंदे मातरम का राज्यभर में सामूहिक गायन की पहल कर रही है. जिसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल और दिल्ली से एक साथ हो गई है. इससे पहले शुक्रवार पीएम मोदी ने भी कांग्रेस और टीएमसी दोनों को इस गीत की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.

टीएमसी भी कर रही बीजेपी को जवाब देने की तैयारी

वहीं दूसरी ओर टीएमसी भी बीजेपी को जवाब देने की तैयारी कर रही है. दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने बीजेपी के रणनीति की काट निकलते हुए रणनीति बनाई है. जिसके तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभाओं में राज्य गीत, 'बांग्लार माटी, बांग्लार जोल' गाना अनिवार्य कर दिया है. साथ ही राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी.

बता दें कि रविन्द्र नाथ टैगोर का 1905 में लिखा गया यह प्रसिद्ध गीत अब बंगाल के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में हर दिन सुबह की प्रार्थना गीत के रूप में गाया जाएगा. इस तरह से बीजेपी और टीएमसी के बीच बंगाल की अस्मिता और संस्कृति के मुद्दे पर भिड़ंत शुरू हो गई है. साथ ही टीएमसी ने बीजेपी की रणनीति को कमजोर करने की कोशिश शुरू कर दी है.

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