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Vande Mataram Full lyrics
Vande Mataram Full lyrics: आज वंदे मातरम् को 150 साल पूरे हो गए हैं. आज के ही दिन साल 1875 में बंकिमचंद्र चटर्जी ने इसकी रचना की थी. वंदे मातरम् चटर्जी के विख्यात किताब आनंदमठ का हिस्सा है. खास बात है कि आज हम जितने बड़े वंदे मातरम् का गायन करते हैं, वह उससे कहीं अधिक बड़ा है.
आइये जानते हैं वंदे मातरम का फुल एडिशन…
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
कोटि कोटि कण्ठ कल कल निनाद कराले
द्विसप्त कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले
के बोले मा तुमी अबले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम्॥
वंदे मातरम्!
तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि ह्रदि तुमि मर्म
त्वं हि प्राणाः शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारै प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम्॥
वंदे मातरम्!
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदल विहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलां मातरम्॥
वंदे मातरम्!
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम्॥
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