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V President Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी 9 सितंबर 2025 को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह घोषणा करते हुए कहा कि एनडीए विपक्ष से भी संपर्क में है ताकि निर्विरोध चुनाव संभव हो सके. इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राधाकृष्णन को बधाई दी, जिस पर उन्होंने दोनों नेताओं का आभार प्रकट किया. वहीं सोमवार यानी 18 अगस्त को विपक्ष के उम्मीदवार की घोषणा भी हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों सदनों में किसका पलड़ा भारी है. क्या है सीटों का गणित.
चुनाव की प्रक्रिया और जरूरी आंकड़े
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और मनोनीत सांसदों की ओर से किया जाता है. दोनों सदनों (लोकसभा औऱ राज्यसभा) का संयुक्त आंकड़ा 786 होता है, लेकिन फिलहाल 6 सीटें खाली हैं इसमें 1 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीट हैं. ऐसे में कुल प्रभावी मतदाताओं की संख्या 780 रह जाती है. अब जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 394 मतों की जरूरत होगी.
क्या है NDA उम्मीदवार की स्थिति
मौजूदा समय में सियासी समीकरण की बात करें तो लोकसभा में 542 सांसद हैं, जिनमें 293 सांसद NDA के हैं. इसके साथ ही राज्यसभा की बात करें तो यहां प्रभावी संख्या 240 है, जिसमें से 129 सांसद NDA का समर्थन करते हैं. ऐसे में NDA के पास कुल 422 अनुमानित वोट हैं, जो जरूरी 394 के आंकड़े से कहीं अधिक हैं. आंकड़ा ये बताता है कि एनडीए के पास अपनी स्पष्ट बहुमत है. यानी उनके उम्मीदवार सीपी राधाकृष्ण की जीत लगभग तय है.
INDIA गठबंधन की चुनौतियां
विपक्ष यानी INDIA गठबंधन के पास लोकसभा और राज्यसभा में कुल मिलाकर लगभग 325–330 वोट हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय दलों की भूमिका इस चुनाव में निर्णायक नहीं बन पा रही है, क्योंकि अधिकतर दल NDA के पक्ष में झुकते दिख रहे हैं. इंडिया गठबंधन को करीब 50 वोट और जुटाना होंगे. जो फिलहाल मुमकिन नहीं दिख रहा है. ओडिशा के बीजेडी का समर्थन मिल भी जाता है तब भी विपक्ष बहुत का आंकड़ा जुटाने में कामयाब नहीं रहेगा.
क्या निर्विरोध होगा चुनाव?
एनडीए की स्पष्ट बहुमत वाली स्थिति को देखते हुए संभावना यही है कि सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति निर्वाचित होंगे. इसके लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जिक्र कर भी चुके हैं. राजनाथ इसको लेकर अपनी कोशिश शुरू कर चुके हैं. वह मल्लिकार्जुन खड़गे इस संबंध में सोमवार को मुलाकत करने वाले हैं. अगर विपक्ष कोई उम्मीदवार नहीं उतारता, तो यह चुनाव निर्विरोध भी हो सकता है.
कुल मिलाकर, एनडीए की रणनीति स्पष्ट दिख रही है. राजनीतिक स्थिरता और संतुलन के साथ चुनाव जीतना और वह आंकड़ों के हिसाब से इस दौड़ में सबसे आगे है.
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