अमेरिकी सेना भारत के तीनों सशस्त्र बल यानी भारतीय वायुसेना, नौसेना और आर्मी के संग मिलकर अहम अभ्यास करने वाली है. इस अभ्यास का लक्ष्य मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे अहम और जटिल कार्यों को तैयार करना है. यह अभ्यास 1 से 13 अप्रैल तक भारत के पूर्वी तट पर होने वाला है. इस अभ्यास का हिस्सा बनने के लिए अमेरिका के सैन्य जहाज आ चुके हैं. इनमें यूएसएस कॉमस्टॉक और राल्फ जॉनसन भी शामिल हैं.
मरीन डिवीजन के सैनिकों की भी भागीदारी है
अमेरिकी नौसैनिक जहाजों के साथ अभ्यास में अमेरिकी मरीन डिवीजन के सैनिकों की भी भागीदारी है. भारतीय नौसेना के जहाजों में आईएनएस जलाश्व, घड़ियाल, मुंबई और शक्ति को शामिल किया गया है. नौसेना के हेलीकॉप्टर और लैंडिंग क्राफ्ट, लंबी दूरी के समुद्री पेट्रोल विमान पी 8 आई भी अभ्यास का भाग होगा. भारतीय सेना की बात की जाए तो 91 इन्फैंट्री ब्रिगेड और 12 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियन के जवान इस अभियान का भाग होंगे. भारतीय वायु सेना की ओर से इस अभ्यास में वायुसेना के सी-130 विमान और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को शामिल किया जाएगा. इनके साथ भारतीय वायुसेना की रैपिड एक्शन मेडिकल टीम भी अभ्यास में भाग लेने वाली है.
हार्बर फेज की शुरुआत 1 अप्रैल से होनी है
यह ‘टाइगर ट्रायंफ’ का चौथा संस्करण होने वाला है. ये मंगलवार से आरंभ होगा. यह भारत और अमेरिकी सेनाओं का एक संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास की तरह है. इस अभ्यास का लक्ष्य मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन पर जोर है. यहां संयुक्त समन्वय केंद्र स्थापित करने की एसओपी का निर्माण किया जाएगा. इस अभ्यास के हार्बर फेज की शुरुआत 1 अप्रैल से होनी है. यह 7 अप्रैल तक विशाखापत्तनम में जारी रहेगा. हार्बर फेज के खत्म होने के बाद जहाज और तैनात सैनिक आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास समुद्री चरण के लिए निकलने वाले हैं.