वक्फ संशोधन कानून इन दिनों देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. वक्फ संशोधन का कोई विरोध कर रहा है तो कोई इसके फायदे गिना रहा है. आमतौर पर देखा जाए तो देश भर के मुस्लिम धर्मगुरू तो इस कानून का विरोध ही कर रहे हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश के एक मौलाना ऐसे भी जो कानून के फायदे गिना रहे हैं. ये मौलाना कोई और नहीं बल्कि आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी है. ये वही मौलाना है, जिन्होंने रमजान में एनर्जी ड्रिंक पीने पर मोहम्मद शमी तो राम मंदिर वाली घड़ी पहनने पर सलमान खान की आलोचना की थी.
'राजनीतिक लाभ के लिए भड़का रहे हैं लोग'
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आम मुसलमानों को इस कानून से कोई नुकसान नहीं होगा. बल्कि इससे फायदा ही पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि कानून से धार्मिक स्थलों को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है. कुछ लोग सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं. मस्जिदें छिन जाएंगी, मदरसे बंद कर दिए जाएंगें जैसी बातें सिर्फ आम मुस्लिमों को भड़काने, उकसाने और भ्रमित करने वाली हैं.
'अमन और शांति के साथ रहें'
मौलाना ने आम मुसलमानों को निर्देश दिया है कि वे वक्फ संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन करने से बचें. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. किसी भी प्रकार के उग्र प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है. प्रदर्शन उग्र होने की वजह से ही उत्तर प्रदेश में 27 लोगों की मौत हो गई. सैकड़ों लोगों को जेल में भेज दिया गया है. इसलिए अमन और शांति के साथ रहें.
'धार्मिक स्थल पर हस्तक्षेप नहीं करेगा हुकूमत'
मौलाना ने आगे कहा कि वक्फ संशोधन कानून कमजोर और गरीब मुसलमानों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने का काम कर रही है. इससे अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं को मदद होगी. कानून की मदद से स्कूल, कॉलेज, मदरसे, अस्पताल और अनाथालय खुलेंगे, जो गरीब मुसलमानों का पिछड़ापन दूर करेगी. उन्होंने साफ किया कि मदरसों, मस्जिदों, ईदगाहों, दरगाहों और कब्रिस्तानों को कानून से कोई भी खतरा नहीं है. हुकूमत धार्मिक स्थलों में कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगी.
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