लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष पर हमला बोला. उन्होंने वक्फ के अर्थ को समझाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, 'दान अपनी संपत्ति किया जा सकता है, न की सरकारी जमीन का. उन्होंने कहा कि वक्फ एक तरह का चैरिटेबल एंडोरमेंट है. इसमें शख्स पवित्र दान करता है. यह दान उसी चीज का होता है जो उसकी है. यहां किसी सरकारी संपत्ति या किसी दूसरे की संपत्ति को दान करने की बात नहीं कही गई है.'
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, 'वे अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी की ओर से पेश किए गए बिल के समर्थन में हैं. उन्हें लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां सदस्यों के मन में है. कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश हो रही है. वे इस पर स्पष्टता देंगे.'
शाह ने कहा, 'वक्फ एक अरबी शब्द है. वक्फ का इतिहास कुछ हदीसे से संबंधित है. इसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान... पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान करना है. वक्फ का समकालीन अर्थ, इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय अस्तित्व में आया था. गृह मंत्री ने कहा कि एक प्रकार से आज के समय में व्याख्या करें तो वक्फ एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोरमेंट है.'
वक्फ में एक भी गैर मुस्लिम नहीं आएगा
अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, 'वक्फ बिल पर साल 2013 में जो संशोधन आया, वो अगर नहीं आया होता तो आज ये संशोधन की जरूर नहीं पड़ती. उस वक्त कांग्रेस सरकार ने दिल्ली में लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं. उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी. हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम किया. उन्होंने तमिलनाडु से कर्नाटक तक के उदाहरण दिया. इस पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. अमित शाह ने कहा, 'वे पूरे देश के मुस्लिम भाइयों से कहना चाहता हूं कि आपके वक्फ में एक भी गैर मुस्लिम नहीं आएगा. वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है. वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का कम करने वाला है. ये चाहते हैं कि इनके राज जो मिलीभगत चली, वह जारी रहे, ऐसा नहीं चलेगा.'
इस लिए लाया जा रहा वक्फ बिल
लोकसभा में अमित शाह ने कहा, 'वक्फ का कानून दान के किसी की ओर से दी हुई संपत्ति, उसका एडमिनिस्ट्रेशन अच्छे से चल रहा है या नहीं, कानून के हिसाब से चल रहा है या नहीं. या तो दान जिस चीज के लिए दिया जा रहा है, इस्लाम धर्म के लिए दिया है, गरीबों के उद्धार के लिए दिया गया है. किस लक्ष्य के लिए उपयोग हो रहा है या नहीं हो रहा है, इसका नियमन करने का काम है.