नागरिक विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में तीन अहम पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया. सबसे पहले परिचालन निरंतरता बनाए रखना. दूसरा जनता के साथ पारदर्श और जवाबदेह संचार का समर्थन करना. वहीं तीसरा यात्रियों की सुरक्षा और सविधा का ख्याल रखना. बैठक में बताया गया मध्य पूर्व में विकसित स्थिति बढ़ी हुई सुरक्षा जांच और यूरोप में रात की उड़ान पर प्रतिबंध के कारण है.
विमान की उपलब्धता में कमी का सामना करना पड़ रहा
एयर इंडिया को विमान की उपलब्धता में कमी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से वे अस्थायी रूप से परिचालन को कम कर देंगे, उड़ानों का पुनर्गठन करेंगे और मीडिया के माध्यम से परिवर्तनों की घोषणा करेंगे. प्रभावित यात्रियों को दोबारा से बुक किया जाएगा या उन्हें पूरा रिफंड दिया जाएगा.
एयरलाइन संचार रणनीति की समीक्षा की
एयर इंडिया से हवाईअड्डों पर अपने जमीनी स्तर के समन्वय को मजबूत करने, रद्दीकरण/विलंब के बारे में यात्रियों के साथ संचार में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया कि ग्राहक सेवा दल संवेदनशील हों और सहानुभूति और स्पष्टता के साथ बढ़ती यात्री चिंताओं को संभालने के लिए सुसज्जित हों. 18 और 19 जून को स्पाइस जेट, इंडिगो और अकासा के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ भी बैठकें हुईं. केंद्रीय मंत्री ने बेड़े के प्रदर्शन, सुरक्षा निरीक्षण, यात्रियों के अनुभव और सुविधा तथा एयरलाइन संचार रणनीति की समीक्षा की.