ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता हुई।
सोमवार को दोनों देशों की बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत का 19वां दौर था। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव वाले क्षेत्र में सैनिकों की वापसी और तनाव को कम करने पर चर्चा की गई।
भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक क्षेत्र को लेकर भी चर्चा की। भारत व चीन के बीच हुई यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में चुशूल-मोल्डो सीमा बिंदु पर हुई।
मई 2020 में गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों सेनाएं पैंगोंग त्सो, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से विस्थापित हो गई हैं, हालांकि देपसांग के मैदानी क्षेत्र और डेमचोक में तनाव बना हुआ है।
देपसांग और डेमचोक के संबंध में दोनों पक्ष कोई खास प्रगति करने में विफल रहे थे।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगले सप्ताह शुरू हो रही ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को देखते हुए दोनों सेनाओं के बीच हुई यह बातचीत विशेष महत्व रखती है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है।
भारतीय और चीनी सैनिक के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है। लगभग तीन साल से भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति है।
हालांकि, इस दौरान दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित की है। बावजूद इसके देपसांग और डेमचोक में अभी भी तनाव कायम है।
गौरतलब है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर समझौतों का उल्लंघन करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव पैदा होने के बाद कोर कमांडर स्तर की वार्ता 2020 में शुरू की गई थी।
भारत ने डी-एस्केलेशन की मांग की है, जिसमें सभी अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों को एलएसी के अग्रिम क्षेत्रों में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस ले जाना शामिल है।
हालांकि, चीन की ओर से अभी तक इसके लिए कोई झुकाव नहीं दिखा है। वह मौजूदा होल्डिंग पोजीशन को नई यथास्थिति के रूप में मानना चाहते हैं।
इससे पहले इसी साल अप्रैल में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले भी शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता हुई थी। बैठक में भारत और चीन के शीर्ष सैन्य कमांडरों की कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता हुई थी।
दिसंबर 2022 में भी सैन्य कमांडरों ने वार्ता की थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह-मुख्यालय 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया।
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Source : IANS