PM Modi Zelenskyy Talk: रूस और यूक्रेन के बीच करीब 3 साल से जारी जंग फिलहाल खत्म होते दिखाई नहीं दे रही है. ना राष्ट्रपति पुतिन झुकने के लिए तैयार हैं और ना ही राष्ट्रपति जेलस्की. दोनों देशों के बीच 22 फरवरी 2022 से जंग जारी है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बात की. जेलस्की ने पीएम मोदी से पुतिन और ट्रंप की मुलाकात से पहले बातचीत की. बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति जेलस्की से बात कर और हाल की घटनाओं पर उनके विचार जानकर उन्हें खुशी हुई.
यह खबर भी पढ़ें- 'अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह युद्ध नहीं होता', पुतिन के साथ मुलाकात से पहले क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?
यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत
पीएम मोदी ने यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत पर भारत की दृढ़ स्थिति को दोहराया और कहा कि भारत इस दिशा में हर संभव योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत यूक्रेन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने का इच्छुक है. राष्ट्रपति जेलस्की ने भी एक्स पर बताया कि इस वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग और मौजूदा वैश्विक कूटनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री की ओर यूक्रेनी जनता के लिए दिए गए समर्थन के लिए आभार भी जताया. साथ ही उन्होंने रूस के हालिया हमलों खासकर जापोरजिया में एक बस स्टेशन पर हुए हमले का जिक्र किया जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए थे.
यह खबर भी पढ़ें- जैगुआर और ब्लैक पैंथर में ताकतवर कौन? 30 सेकेंड की लड़ाई ने कर दिया फैसला...वायरल वीडियो
युद्ध समाप्त करने की कूटनीतिक संभावना
जेलस्की ने कहा कि ऐसे समय में जब युद्ध समाप्त करने की कूटनीतिक संभावना नजर आ रही है. रूस अपनी आक्रमकताओं और हमलों को जारी रखने की इच्छा दिखा रहा है. साथ ही जेलस्की ने कहा कि पीएम मोदी ने यूक्रेन के शांति प्रयासों का समर्थन किया और इस बात से सहमति जताई कि यूक्रेन से जुड़े सभी निर्णयों में उनकी सीधी भागीदारी अनिवार्य है. उनके मुताबिक बिना यूक्रेन की सहमति में कोई समझौता अर्थहीन होगा और उसका कोई परिणाम सामने नहीं आएगा. वार्ता के दौरान रूस पर प्रतिबंधों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा. जेलस्की ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी के साथ विशेष रूप से रूसी ऊर्जा क्षेत्र खासकर तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि ऐसा कदम रूस की युद्ध को फंड करने की क्षमता को कमजोर करेगा.