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supreme court Photograph: (social media)
तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि उदयनिधि के सनातन धर्म से जुड़े बयान को लेकर उनके खिलाफ बिना अनुमति के कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन को बलपूर्वक कार्रवाई से संरक्षण देने वाले अंतरिम आदेश की अवधि को बढ़ाया है. देश के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्न और न्यायामूर्ति संजय कुमार की पीठ ने स्टालिन को राहत दी.
पीठ के अनुसार, नए जोड़े गए प्रतिवादियों (राज्यों) को 15 दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने की छूट दी गई है. अंतरिम आदेश जारी रहेगा और संशोधित रिट याचिका में उल्लिखित मामलों पर समान रूप से लागू होगा.' पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'हम निर्देश देते हैं कि इस न्यायालय की अनुमति के बिना कोई और मामला दर्ज न किया जाए.'
अभिषेक सिंघवी की दलील
स्टालिन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी का कहना है कि एफआईआर महाराष्ट्र के अलावा पटना, जम्मू, बंगलूरू में भी दर्ज की गई हैं. उनका तर्क था कि सभी मामलों को उस जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता है, जहां पर कथित घटना हुई. ये जगह तमिलनाडु हो सकती है. सिंघवी के अनुसार, स्टालिन के खिलाफ बिहार में एक नया केस दर्ज किया गया. लंबित याचिका में शिकायतकर्ताओं को पक्षकार बनाने को लेकर संशोधित याचिका दायर की गई.
इस दौरान उन्होंने कई मामलों का उदाहरण दिया, जिसमें घटना से उपजे मामलों को अलग-अलग जगहों पर जारी रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती. यह नाम टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी, ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर और राजनीतिज्ञ नूपुर शर्मा हैं. इन सभी के मामलों को उसी जगह पर स्थानांतरित किया गया, जहां पहली बार एफआईआर दर्ज की गई.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पेश की दलील
महाराष्ट्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले का हवाला देकर कहा कि यह सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन था, यहां पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म को मलेरिया, कोरोना, डेंगू आदि की तरह खत्म कर दिया जाना चाहिए. कृपया इस बात पर गौर करें कि अगर किसी दूसरे राज्य का सीएम किसी खास धर्म, जैसे कि इस्लाम, के बारे में ऐसी बातें कहता तो इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीजेआई ने कहा, 'हम मामले के गुण-दोष में नहीं जा रहे हैं. केवल यही सवाल है कि क्या इसे एक जगह स्थानांतरित किया जाना चाहिए.' मेहता के अनुसार, सिर्फ इसलिए कि हिंदुओं ने प्रतिक्रिया नहीं दी. इस पर नेता को ऐसा कहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. सीजेआई ने कहा, 'हम नहीं चाहेंगे कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी शब्द पर टिप्पणी करे, इससे मुकदमे पर प्रभाव पड़ता है.'
ये है पूरा मामला
सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में द्रमुक नेता पहुंचे थे. उन्होंने कहा था, सनातन धर्म, सामाजिक न्याय और समानता के विरुद्ध है. इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने 'सनातन धर्म' की तुलना कोरोनावायरस, मलेरिया और डेंगू से कर डाली थी.
कई राज्यों में एफआईआर
स्टालिन की टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गईं. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू और कर्नाटक. इसके अलावा भी देश के कई हिस्सों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं.