'प्रलय’ मिसाइल के दो सफल परीक्षण, भारत की सामरिक शक्ति को मिली नई मजबूती

भारत ने अपनी सामरिक ताकत को और अधिक सुदृढ़ करते हुए स्वदेशी विकसित बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली ‘प्रलय’ के दो लगातार परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

भारत ने अपनी सामरिक ताकत को और अधिक सुदृढ़ करते हुए स्वदेशी विकसित बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली ‘प्रलय’ के दो लगातार परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

author-image
Madhurendra Kumar
New Update
Pralay Missile

भारत ने अपनी सामरिक ताकत को और अधिक सुदृढ़ करते हुए स्वदेशी विकसित बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली ‘प्रलय’ के दो लगातार परीक्षणों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। ये परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा 28 और 29 जुलाई को किए गए, जो यूजर इवैल्यूएशन ट्रायल्स का हिस्सा थे। इन परीक्षणों का उद्देश्य ‘प्रलय’ मिसाइल की न्यूनतम और अधिकतम रेंज क्षमता को परखना था।

Advertisment

परीक्षणों के दौरान मिसाइल ने पूर्व निर्धारित ट्रैजेक्टरी को पूरी तरह सटीकता के साथ अनुसरण किया और लक्ष्यों को पिन-पॉइंट एक्युरेसी के साथ भेदा। सभी उड़ान चरणों की निगरानी मल्टी-सेंसर ट्रैकिंग सिस्टम, टेलीमेट्री और रडार से की गई, जिससे यह पुष्टि हुई कि सभी मिशन पैरामीटर पूरी तरह सफल रहे हैं।

‘प्रलय’ मिसाइल DRDO द्वारा विकसित एक शॉर्ट-रेंज, क्विक-रिएक्शन बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे पारंपरिक युद्धक सामग्री के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता लगभग 150 से 500 किलोमीटर के बीच है और यह मोबाइल लॉन्चर के जरिए दागी जा सकती है। इसे खास तौर पर शत्रु के सामरिक ठिकानों को त्वरित और सटीक तरीके से नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन सफल परीक्षणों से भारत की सैन्य क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह न केवल चीन और पाकिस्तान जैसी चुनौतियों के खिलाफ रणनीतिक संतुलन स्थापित करने में सहायक होगा, बल्कि भारत की टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है। यह मिशन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को रक्षा क्षेत्र में मजबूती प्रदान करता है।

‘प्रलय’ की सफलता भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह मिसाइल आने वाले समय में भारत की सामरिक स्ट्राइक क्षमताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है, खासकर सीमावर्ती इलाकों में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के लिहाज़ से। DRDO की इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत अब रक्षा तकनीक में तेजी से आत्मनिर्भर होता जा रहा है।

 

Missile Test Pralay Missile
      
Advertisment