लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने कहा, "मैं सदन को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल के कुछ घटनाक्रमों और हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव से अवगत कराने के लिए यहां पर आया हूं. सदन को इस बात का पता लगा है कि 2020 से दोनों पड़ोसियों के रिश्ते काफी असामान्य रहे हैं. ऐसे में परिणाम स्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग हुई है. हाल के घटनाक्रम तब से हमारे निरंतर राजनयिक जुड़ाव को दर्शाते हैं. यह बतातें हैं कि हमारे रिश्ते में कुछ सुधार स्थापित हुए हैं.
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1962 के संघर्ष और उससे पहले की घटना के परिणाम स्वरूप अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जे और इसके साथ पाकिस्तान ने 1963 में 5,180 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र अवैध रूप से चीन को सौंप दिया. यह 1948 से उसके कब्जे में रहा है.
कई दशकों से बातचीत की
चीन ने सीमा मुद्दे को हल करने के मामले में कई दशकों से बातचीत की है. हम सीमा समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य ढांचे पर पहुंचने को लेकर द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से चीन के साथ जुड़ने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
हमारे सशस्त्र बलों काे श्रेय जाता है: जयशंकर
सदस्यों को यह याद होगा कि अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की ओर से बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने के परिणाम स्वरूप कई बिंदुओं पर हमारी सेना के साथ आमना सामना हुआ. ऐसे हालात के कारण गश्त गतिविधियों में बाधा देखी गई है.हमारे सशस्त्र बलों को इस बात का श्रेय जाता है कि साजो-सामान संबंधी चुनौतियां, प्रचलित कोविड हालात के बाद वे तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम थे.
बीते 3 वर्षों में 5 सैनिक शहीद: मंत्री
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जानकारी दी कि बीते तीन सालों (2021 से 2023) के दौरा भारत—पाकिस्तान सीमा पर आतंकी हमलों में भारतीय सैनिकों के हताहत की संख्या 5 हुई है। सरकार ने सीमा पर आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है। सरकार का नजरिया आतंकी हालात को खत्म करना है। सरकार ने इसके लिए उपाय भी सुझाए हैं। इसके तहत सीमा पर आंतकी गतिविधयों को नियंत्रित में सहायता मिली है।
एलएसी पर हालात सुधरे- जयशंकर
लोकसभा में चीन के मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार, एलएसी पर हालात सामान्य हो गए हैं. चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता अभी जारी है। एलएसी पर शांति को बहाल करने का प्रयास हो रहा है। दोनों देश सीमा विवाद को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. कूटनीतिक पहल के कारण सीमा पर हालात में सुधार आया है।