SCO समिट के बाद बोले ट्रंप के सलाहकर- "भारत को रूस की नहीं, हमारी ज़रूरत है"

डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड काउंसलर पीटर नवारो ने कहा कि शांति का मार्ग कई मायनों में कम से कम आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर गुजरता है. यह वो समय है, जब पीएम मोदी को आगे आना चाहिए.

डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड काउंसलर पीटर नवारो ने कहा कि शांति का मार्ग कई मायनों में कम से कम आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर गुजरता है. यह वो समय है, जब पीएम मोदी को आगे आना चाहिए.

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Mohit Sharma
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Trump trade adviser Peter Navarro

Trump trade adviser Peter Navarro Photograph: (Social Media)

चीन के तियानजिन शहर में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धाक और चीन व रूस से बढ़ती नजदीकी से तिलमिलाए अमेरिका ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा है कि नई दिल्ली की रूस की नहीं, हमारी जरूरत है. ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ समिट के दौरान विश्व के दो सबसे बड़े तानाशाह (शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन) के साथ मंच साझा नहीं करना चाहिए था. नवारो ने कहा कि पीएम मोदी के आगे बढ़कर यूरोप और यूक्रेन का साथ देना चाहिए और रूस से तेल की खरीद को तुरंत बंद कर देना चाहिए. 

शांति का रास्ता दिल्ली से होकर गुजरता है

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पीटर नवारो ने कहा कि शांति का मार्ग कई मायनों में कम से कम आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर गुजरता है. यह वो समय है, जब पीएम मोदी को आगे आना चाहिए. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र का बहुत सम्मान करता हूं और भारतीयों के लिए मेरे दिल में प्यार है. लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को विश्व के दो सबसे बड़े तानाशाह के साथ जाना अच्छी बात नहीं है. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी यह समझेंगे कि उनको यूरोप और यूक्रेन में उन्हें हमारे साथ रहना चाहिए, न कि रूस के साथ, और उन्हें तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए. इससे एक दिन पहले व्हाइट हाउस ट्रेड काउंसलर ने कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर वेस्ट को बेच रहा है. ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि मोदी जी एक महान नेता है. लेकिन मेरी समझ नहीं आ रहा है कि वो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता होते हुए भी पुतिन और शी जिनपिंग जैसे तानाशाहों से नजदीकी क्यों बढ़ा रहे हैं. 

एससीओ समिट में भारत की बड़ी जीत

मैं तो भारत के लोगों से केवल इतना ही कहूंगा कि वो इस बात को समझने का प्रयास करें आखिर चल क्या रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका की ओर से ये सिलसिलेवार बयान तब आना शुरू हुए, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर रहे थे. एसीसीओ समिट में पीएम मोदी का दबदबा पूरी दुनिया ने देखा है. पीएम मोदी ने शी जिनपिंग और पुतिन की मौजूदगी में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई. पीएम मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेलता आ रहा है. ऐसे में हमे आतंकवाद को पालने वालो को कड़ा जवाब देना चाहिए.  यही नहीं एससीओ समिट 2025 के घोषणा पत्र में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र भारत के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है. 

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