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Trump Tariffs Impact Photograph: (AI)
Trump Tariffs Impact : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. ट्रंप के मुताबिक भारत पर यह आयात शुल्क 1 अगस्त से लागू होगा. ऐसे में अब अमेरिका में भारतीय वस्तुओं का निर्यात काफी महंगा हो जाएगा. इससे भारत का निर्यात क्षेत्र काफी प्रभावित होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल 2025 में भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. हालांकि बाद में इसको 9 जुलाई तक के लिए टाल दिया था. लेकिन अब अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा की है.
क्या होगा टैरिफ का असर
अमेरिका द्वारा भारत पर थोपे गए टैरिफ का भारतीय व्यापार पर व्यापक असर होगा. इससे अमेरिका में भारतीय वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात करना काफी महंगा हो जाएगा, जिससे अमेरिका में भारतीय उत्पादों की मांग में तेजी से गिरावट आएगी. हालांकि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता की शुरुआत में दोनों देशों ने सितंबर-अक्टूबर तक फर्स्ट फेज के समझौते को पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब यह समझौता कई लेवल पर फंस गया है. अमेरिका-भारत के बीच होने वाले इस एग्रीमेंट के तहत 2030 तक इस द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब यूएस डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
25 अगस्त को होगी छठे दौर की वार्ता
इस साल फरवरी में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात में दोनों नेताओं ने इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर सहमति जताई थी, जिसके बाद दोनों देशों में वार्ता का दौर शुरू हो गया था. इस क्रम में दोनों देशों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. वॉशिंगटन में हुई अंतिम दौर की वार्ता के दौरान भी मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया है. हालांकि 25 अगस्त को दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की वार्ता प्रस्तावित है.
कहां अटका है पेंच?
जानकारों की मानें तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को लेकर कई स्तरों पर पेंच फंसा हुआ है. दरअसल, अमेरिका चाहता है कि भारत उसके कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए अपना बाजार खोल दे. इसके साथ ही भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत अमेरिकी वस्तुओं के आयात शुल्क में छूट भी दे. भारत ने अपने संस्कृति और कृषि चिंताओं का हवाला देकर अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो इससे भारतीय डेयरी और कृषि क्षेत्र धराशायी हो जाएगा, जिसका असर घरेलू बाजार और किसानों पर पड़ना तय है.
भारत की मांग
दोनों देशों के बीच होने वाले प्रस्तावित व्यापार समझौते के तहत भारत श्रम-प्रधान क्षेत्रों को लेकर विशेष शुल्क रियायत देने की मांग कर रहा है. इसमें अंगूर, केले, तिलहन, झींगा, रसायन, प्लास्टिक, परिधान, चमड़े का सामान, रत्न और आभूषण और वस्त्रों का शामिल किया गया है. बीटीए के तहत भारत अतिरिक्त शुल्क (26 प्रतिशत) को खत्म करने की मांग कर रहा है.
क्या चाहता है अमेरिका
द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) के तहत अमेरिका चाहता है कि भारत ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहनों, शराब, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, कृषि उत्पादों, डेयरी उत्पादों, इंडिस्ट्री प्रोडक्ट्स आदि पर शुल्क में रियायत दे. वहीं, भारत अमेरिकी कृषि और डेयरी उत्पादों को लिए अपना बाजार खोलने के लिए तैयार नहीं है. क्योंकि इससे घरेलू किसानों पर बुरा प्रभाव और नुकसान होने की आशंका है.
बीटीए का क्या होगा
भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते यानी बीटीए पर 25 अगस्त को छठे दौर की निर्णायक वार्ता होनी है. इसके लिए एक अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल भारत का दौरा करेगा. क्योंकि भारत के साथ अंतरिम समझौते को पहले ही फाइनल टच दिया जा चुका है और इसको 9 जुलाई की डेड लाइन से पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने पेश कर दिया गया है. वो बात अलग है कि अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, जिसकी वजह से इसको 9 जुलाई से बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया है.
भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ का यह होगा असर
-निर्यात में घाटा
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका में 77.5 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया. जबकि 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माने के बाद भारत के निर्यात में हर साल 2 से 7 अरब डॉलर तक का घाटा हो सकता है.
-रुपए पर जारी रहेगा प्रेशर
एक्सपर्ट्स के अनुसार रुपए पहले से ही 87.5 के लेवल पर है, जिसका 66 के पार पहुंचने की आशंका बनी हुई है. इसके साथ ही कपड़ा, डायमंड, ऑटो, मोबाइल कंपनियों के शेयरों पर प्रेशर बना रह सकता है.
- आम जनता पर होगा यह असर
अमेरिका के फैसले का भारतीय लोगों पर भी गहरा असर हो सकता है. इससे मोबाइल, लैपटॉप, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी चीजें महंगी हो सकती हैं.
-आईटी सर्विस
भारत कंपनियां अमेरिका में अपने सेवाएं देती हैं. टैरिफ पड़ने के बाद भारत की आईटी सर्विस पर असर पड़ना तय है. इससे भारतीय कंपनियों पर टैक्स का दबाव बढ़ सकता है.
- रणनीतिक सहयोग होगा प्रभावित
भारत व्यापार के साथ ही अमेरिका का रणनीतिक भागीदार भी है. इससे रणनीतिक साझेदार जैसे डिफेंस व क्वाड सहयोग प्रभावित हो सकता है. परिणास्वरूप दोनों देशों के बीच मतभेद गहरा सकते हैं.
- स्टॉक मार्केट
अमेरिका द्वारा थोपे गए टैरिफ से स्टॉक मार्केट में गिरावट देखने को मिल सकती है. विशेष रूप से फार्मा और आईटी क्षेत्र में बिकवाली बढ़ सकती है.
एक रिपोर्ट के अनुसार-
- - अमेरिका और भारत का व्यापार 129.2 अरब डॉलर
- - अमेरिका ने भारत में आयात किए 87.4 अरब डॉलर के उत्पाद
- - भारत ने अमेरिका से आयात किए 41.8 अरब डॉलर के उत्पाद
- - अमेरिका ने भारत से ज्यादा खरीद की, इसलिए उसका व्यापार घाटा 45.7 अरब डॉलर.