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Trump Russia Trade Controversy
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मेरिका चुपचाप रूस से अरबों डॉलर का सामान आयात कर रहा है. जनवरी से मई 2025 के बीच अमेरिका ने रूस से बड़ी मात्रा में पैलेडियम, यूरेनियम और उर्वक जैसी चीजें खरीदी हैं. जिनकी कीमत अरबों डॉलर है.
Trump Russia Trade Controversy
Trump RussiaTrade Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है और उसके साथ ही 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान भी किया है जो 27 अगस्त से लागू होगा. ट्रंप का कहना है कि यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण उठाया गया है. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि भविष्य में यह टैरिफ और बढ़ाया जा सकता है. ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस से तेल खरीद कर उसकी मदद कर रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि खुद अमेरिका भी रूस से बड़ी मात्रा में सामान खरीद रहा है. जिसका जिक्र ट्रंप खुलकर नहीं करते. एक तरफ वे भारत और कुछ अन्य देशों पर टैरिफ लगाकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे रूस पर दबाव बना रहे हैं.
दूसरी तरफ अमेरिका चुपचाप रूस से अरबों डॉलर का सामान आयात कर रहा है. जनवरी से मई 2025 के बीच अमेरिका ने रूस से बड़ी मात्रा में पैलेडियम, यूरेनियम और उर्वक जैसी चीजें खरीदी हैं. जिनकी कीमत अरबों डॉलर है. यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन यानी यूएसआईटीसी के आंकड़ों के अनुसार 2025 की पहली छमाही में अमेरिका का रूस से आयात 2024 की तुलना में 23% बढ़ गया है और यह 2.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यह वही समय है जब ट्रंप भारत जैसे देशों को रूस से व्यापार करने पर निशाना बना रहे हैं. अगर पिछले सालों के आंकड़े देखें, तो 2021 की तुलना में 2024 में अमेरिका का रूस से आयात 90% घटकर $3 अरब डॉलर रह गया था. लेकिन अब 2025 में फिर से यह तेजी बढ़ने लगा है. इसका मतलब यह है कि अमेरिका खुद भी युद्ध के दौरान रूस की अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का फायदा पहुंचा रहा है.
इससे अमेरिका जिन चीजों का सबसे ज्यादा आयात कर रहा है. उनमें उर्वरक सबसे ऊपर है. 2025 के पहले 6 महीनों में अमेरिका ने रूस से करीब ₹700 करोड़ का उर्वरक खरीदा है. यह 2024 की इस अवधि की तुलना में 21% ज्यादा और 2021 की तुलना में 60% ज्यादा है. यह उर्वरक अमेरिका के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी है. इसके अलावा अमेरिका ने रूस से पैलेडियम और यूरेनियम की भी बड़ी मात्रा में खरीदारी की है जो उद्योग और ऊर्जा उत्पादन के लिए अहम है. यह साफ दिखाता है कि अमेरिका खुद अपने आर्थिक हितों के लिए रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं. जबकि भारत जैसे देशों पर आरोप लगा रहा है.