दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में शुक्रवार शाम आए भूकंप के तेज झटकों ने एक बार फिर लोगों को दहशत में डाल दिया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.7 दर्ज की गई. ये झटका लगातार दूसरे दिन महसूस किया गया, जिससे कई इलाकों में लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए. बता दें कि भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था और इसका असर गुड़गांव, बहादुरगढ़, रोहतक, झज्जर समेत दिल्ली के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया.
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आने के पीछे कई भूगर्भीय कारण होते हैं. पृथ्वी की सतह अलग-अलग टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है, जो लगातार हिलती रहती हैं. जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो धरती के भीतर ऊर्जा का संचार होता है, जो सतह पर कंपन यानी भूकंप के रूप में महसूस होता है.
भूकंप तीन प्रकार के होते हैं
- टेक्टोनिक भूकंप: ये सबसे आम प्रकार है और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण आते हैं.
- ज्वालामुखीय भूकंप: ज्वालामुखी विस्फोट के समय उत्पन्न होते हैं और स्थानीय इलाकों तक सीमित रहते हैं.
- मानवजनित भूकंप: खनन, बांधों का निर्माण, या परमाणु परीक्षण जैसे मानव कार्यों से उत्पन्न होते हैं.
भारत में उत्तर भारत खासकर हिमालयी क्षेत्र और दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार आने वाले छोटे झटके बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है.
नोट- भूकंप के समय घबराएं नहीं, तुरंत किसी सुरक्षित स्थान जैसे मेज़ या दीवार के कोने में शरण लें, और लिफ्ट का इस्तेमाल न करें.