ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों का देशव्यापी हड़ताल आज, इन सुविधाओं पर पड़ेगा असर

ट्रेड यूनियनों और किसान संगठन आज देशव्यापी हड़ताल करेंगे. देशभर के 25 करोड़ लोग इसमें शामिल हो सकते है. हड़ताल के कारण इन सभी सर्विसेज पर असर पड़ सकता है.

ट्रेड यूनियनों और किसान संगठन आज देशव्यापी हड़ताल करेंगे. देशभर के 25 करोड़ लोग इसमें शामिल हो सकते है. हड़ताल के कारण इन सभी सर्विसेज पर असर पड़ सकता है.

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Jalaj Kumar Mishra
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Trade and Farmers unions nation wide protest today news in hindi

Protest Today (File Pic)

ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों से जुड़े 25 करोड़ से अधिक लोगों ने बुधवार को हड़ताल करेंगे. विरोध नए श्रम कानूनों और निजीकरण के खिलाफ हो रहा है. कर्मचारियों की हड़ताल से डाक सेवाएं, सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियां और बैंकिंग जैसी सेवाएं बंद रह सकती हैं. 

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पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग

विभिन्न श्रमिक संगठन न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपये करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने जैसी मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाने के देशव्यापी हड़ताल करने वाले हैं. एक श्रमिक संगठन के पदाधिकारी का कहना है कि आम हड़ताल से डाक, बीमा, बैंकिंग, कोयला खनन, राजमार्ग और जैसे क्षेत्रों की सवाएं बधित हो सकती है. संयुक्त किसान मोर्चा और नरेगा संघर्ष मोर्चा जैसे क्षेत्रीय संगठनों का भी इस हड़ताल को समर्थन मिला हुआ है. 

भारतीय मजदूर संघ ने बनाई दूरी

इंटक, एटक और सीटू जैसे केंद्रीय श्रमिक संगठन चार श्रम संहिताओं को हटाने, ठेका व्यवस्था खत्म करने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करने के साथ-साथ किसान संगठनों की एमएसपी और ऋण माफी की मांग पर जोर दे रहे हैं. हालांकि, भारतीय मजदूर संघ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वे इस हड़ताल में हिस्सा नहीं लेंगे. भारतीय मजदूर संघ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित है. 

कौन-कौन कर रहा है हड़ताल का समर्थन

उम्मीद है कि हड़ताल में 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी शामिल हो सकते हैं. किसानों और ग्रामीण श्रमिकों का हड़ताल को समर्थन मिल सकता है. NMDC लिमिटेड, इस्पात कंपनियों सहित अन्य खनिजों, राज्य सरकारों के विभिन विभागों में काम करने वाले कर्मचारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है. 

बता दें, श्रमिक संगठनों ने इससे पहले 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2024 को देशव्यापी हड़ताल की थी.

ये हैं प्रमुख मांग

  • नई भर्तियां शुरू की जाएं
  • युवाओं को नौकरी मिले
  • रिटायर्ड लोगों की दोबारा भर्ती बंद हो
  • मनरेगा की मजदूरी और दिनों की संख्या बढ़ाई जाए
  • शहरी बेरोजगारों के लिए भी मनरेगा लागू हो
  • निजीकरण, कॉन्ट्रेक्ट बेस्ड नौकरी और आउटसोर्सिंग पर रोक 
  • चार लेबर कोड खत्म हों, ये कर्मचारियों के हक छीनते हैं
  • शिक्षा, स्वास्थ्य और राशन जैसे मूलभूत जरूरतों पर खर्च बढ़े
  • 10 साल से सरकार ने वार्षिक श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं किया

 

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