जेल जाने के कारण मंत्री, मुख्यमंत्री या पीएम की कुर्सी जाने का प्रावधान संविधान संशोधन बिल पर विपक्ष जेपीसी यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का बहिष्कार कर सकता है. संसद सत्र के दौरान विपक्ष सदन के अंदर और बाहर इस बिल का विरोध कर चुका है. केंद्र सरकार ने मॉनसून सत्र के अंतिम दिन तीन संविधान संशोधन बिल पेश किए. इसमें 130वां संविधान संशोधन बिल, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल और केंद्र शासित प्रदेश संशोधन बिल को शामिल किया है. इस बिल के मुताबिक, किसी भी मौजूदा मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की कुर्सी जा सकती है. वे लगातार 30 दिनों तक हिरासत या जेल में रहे. यह मामला ऐसा होता कि जिसमें 5 या उससे अधिक की सजा का प्रावधान हो.
इस बिल के लोकसभा में पेश होते ही हंगामा हो गया. इस बिल को सेलेक्ट समिति को भेजने का फैसला किया गया. ये तय हुआ कि इस बिल की जांच के लिए जेपीसी यानि संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाएगा. बिल को जेपीसी के पास भेजा जाना है. इस बिल का अध्ययन कर अपनी सिफारिश सरकार को देगी. यह भी तय हुआ कि जेपीसी की सिफारिश संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह में पेश किया जाएगा. ऐसी आशंका है कि विपक्ष बिल का विरोध जारी रखेगा.