Raja Raghuvanshi Murder case: मेघालय की शांत वादियों में घटित इस वारदात ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। शिलॉन्ग में हनीमून मनाने पहुंचे नवविवाहित जोड़े की कहानी एक दर्दनाक मोड़ ले लेगी, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। जहां एक ओर पति राजा अपनी नई ज़िंदगी के सपने देख रहा था, वहीं पत्नी सोनम पहले से ही अपने प्रेमी और तीन अन्य लोगों के साथ उसकी हत्या की योजना बना चुकी थी। इस जघन्य हत्याकांड में लगातार नए अपडेट सामने आ रहे हैं. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. जज के सामने मामले में क्या कुछ हुआ आइए जानते हैं.
हत्या की योजना और घटना का खुलासा
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और अन्य तीन लोगों – आकाश राजपूत, आनंद कुर्मी और दो अन्य के साथ मिलकर राजा की हत्या कर दी। 23 मई को सोनम और राजा नोंगरीट गांव के एक होमस्टे से चेकआउट करने के बाद रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। इसके बाद 2 जून को राजा का शव 20 किलोमीटर दूर जंगल में मिला, जिससे इस हत्याकांड का खुलासा हुआ।
अब आया मामले में नया मोड़
जांच के दौरान पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और दावा किया कि सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। लेकिन अब मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है।
आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी- इन दोनों ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने पहले दिए गए कबूलनामे से मुकरते हुए चुप्पी साध ली।
शिलॉन्ग के पुलिस अधीक्षक हर्बर्ट खरकोंगोर, जो इस केस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के प्रमुख हैं, ने बताया कि दोनों आरोपियों ने बयान देने से इनकार कर दिया।
पुलिस का दावा: हमारे पास पक्के सबूत हैं
हालांकि आरोपियों के बयान बदलने के बावजूद, पुलिस का कहना है कि उनके पास अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है, जिससे जांच को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। पुलिस ने साफ किया कि यह केवल कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और वे इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को सजा दिलाने को लेकर आश्वस्त हैं।
रिश्तों की आड़ में साजिश
इस केस ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि रिश्तों के पीछे छिपी साजिशें कितनी खतरनाक हो सकती हैं। हनीमून के नाम पर पति को मारने की यह योजना केवल एक क्राइम स्टोरी नहीं, बल्कि विश्वासघात और लालच की दुखद मिसाल है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कानून के हाथ इस जघन्य अपराध के गुनहगारों तक कितनी तेजी से पहुंचते हैं।