भूकंप के झटके से कांप उठी तेलंगाना-महाराष्ट्र की धरती, जानें आपका क्षेत्र कितना सुरक्षित?

Earthquake Prone Zone In India: बुधवार को तेलंगाना-महारष्ट्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. क्या आपको पता है कि भूकंप क्यों आथा है और भारत का कौन-सा इलाका ज्यादा भूकंप से प्रभावित है.

Earthquake Prone Zone In India: बुधवार को तेलंगाना-महारष्ट्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए. क्या आपको पता है कि भूकंप क्यों आथा है और भारत का कौन-सा इलाका ज्यादा भूकंप से प्रभावित है.

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Vineeta Kumari
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भूकंप के झटके से कांप उठी तेलंगाना-महाराष्ट्र की धरती

Earthquake Prone Zone In India: बुधवार को तेलंगाना में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.3 दर्ज की गई. तेलंगाना के मुलुगु जिले में बुधवार की सुबह 7.27 मिनट पर भूकंप के झटके आए. मुलुगु के साथ-साथ हैदराबाद में भी भूकंप आया. हालांकि इस भूकंप के झटके की वजह से किसी प्रकार की अनहोनी की खबर अब तक सामने नहीं आई है. स्थानीय अधिकारी इसाक आकलन कर रहे हैं.

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तेलंगाना-महाराष्ट्र में भूकंप के तेज झटके

तेलंगाना में आए भूकंप को करीब तीन सेकेंड तक महसूस किया गया. मुलुगु के अलावा कई जिलों में इसे महसूस किया गया. इसमें महबुबाबाद, भद्रादी, वारंगल, खम्मम, रंगारेड्डी, मंचिरयाला, नलगोंडा समेत अन्य जिले भी शामिल है. तेलंगाना के बाद आज महाराष्ट्र के भी कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. महाराष्ट्र के नागपुर, चंद्रपुर और गढ़चिरौली में भूकंप आया. IMD की मानें तो नागपुर में भूकंप की तीव्रता काफी कम थी. वहीं, तेलंगाना से करीबी जिला गढ़चिरौली में भी भूकंप महसूस किया गया.  

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जानें क्यों आता है भूकंप

पिछले कुछ समय से बार-बार भारत के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. क्या आपको पता है कि भूकंप क्यों आता है? दरअसल, धरती के नीचे चार लेयर होती है. एक इनर कोर, आउटर कोर, मेंटर और क्रस्ट. यह सभी प्लेट घूमती रहती है. वहीं, जब इन चट्टानें आपस में टकराती है तो एक दबाव बनता है. जब यह दबाव ज्याद होता है तो चट्टान अचानक से टूट जाते हैं. इसकी वजह से एनर्जी पैदा होती है और तेज एनर्जी कंपन्न का रूप ले लेती है. जिससे भूकंप आता है. 

पांच जोन में बंटा है पूरा भारत

बता दें कि पिछले कई सालों में राजधानी दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. यूं कहे तो भारत भूकंप का केंद्र बन चुका है और देश के अलग-अलग हिस्सों को पांच जोन में बांटा गया है. जोन-1 से लेकर जोन-5 तक में क्षेत्रों को बांटा गया है. जोन-5 में आने वाले हिस्सों में सबसे ज्यादा भूकंप का खतरा होता है. 

इन क्षेत्रों में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा

जोन-5 में उत्तरी बिहार, कश्मीर घाटी, गुजरात का कच्छ, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, भारत के पूर्वोतर राज्य, हिमाचल का पश्चिमी भाग आता है. राजधानी दिल्ली, हरियाणा-पंजाब के कुछ हिस्से, उत्तर भारत, बिहार-बंगाल के कुछ हिस्से और गुजरात-महाराष्ट्र के कुछ हिस्से जोन-4 में आते हैं. 

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